परिवहन के लिए रेल का उपयोग हमेशा से आम जनता की प्राथमिकता में रहा है। लेकिन कोरोना काल के पश्चात से देखने में यह आ रहा है कि आम नागरिक, जो कि रेल के साधारण डिब्बे में सफर करते हैं, उनकी सुविधाओं में दिन-प्रतिदिन कटौती की जा रही है।

कोरोना काल में सभी पैसेंजर ट्रेन को एक्सप्रेस बना दिया गया। इस कारण इनका किराया लगभग दो से ढाई गुना बढ़ गया। कई रेलवे जोन द्वारा कई महत्त्वपूर्ण ट्रेनों, जिनमें आम आदमी ज्यादा सफर करता है, उनमें साधारण डिब्बों की कटौती की जा रही है। साधारण डिब्बों के स्थान पर एसी-थ्री चेयर और एग्जीक्यूटिव क्लास बढ़ाए जा रहे हैं।

आम जनता को उम्मीद थी कि किराए में जो वृद्धि की गई थी, स्थिति सामान्य होने पर वह वृद्धि वापस ली जाएगी। लेकिन वृद्धि वापस नहीं ली गई। इसके विपरीत उच्च श्रेणी ‘एग्जिट इन क्लास’ में लगभग पच्चीस फीसद किराया कमी करने की खबरें हैं। वरिष्ठ नागरिकों को जो किराए में छूट मिलती थी, वह भी खत्म कर दी गई है।

उच्च श्रेणी और शयनयान श्रेणी में वरिष्ठ नागरिकों को छूट न्यायसंगत हो सकती है, लेकिन जो गरीब लोग साधारण डिब्बों में सफर करते हैं, उनको भी किराए में सुविधा होनी चाहिए। ‘वंदे भारत’ ट्रेन आम आदमी तो क्या, मध्यमवर्ग का लोगों के लिए दूभर है और लोग उसके किराए को वहन करने में असमर्थ हैं। इस कारण ‘वंदे भारत’ को अपेक्षाकृत यात्री कम मिल रहे हैं, जिससे इन ट्रेनों को अत्यधिक घाटा हो रहा है।

सरकार को आम जनता से सर्वेक्षण कर ‘वंदे भारत’ ऐसे मार्गों पर चलाना चाहिए, जहां उन्हें शत-प्रतिशत यात्री मिलें और राजस्व मिले, ताकि रेलवे को किसी प्रकार का घाटा न हो।रेल मंत्रालय को आम नागरिक की रेल सुविधाओं में तत्काल वृद्धि करना चाहिए। जिन मार्गों पर स्थानीय यात्री अधिक मिलते हैं, वहां की ट्रेनों में साधारण डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। जिन यात्री रेलगाड़ियों का किराया कोरोना काल बाद एक्सप्रेस का कर दिया है, उनके किराए में तत्काल कटौती कर यात्री ट्रेन के हिसाब से किराया लिया जाना चाहिए। इससे आम गरीब यात्री को रेलवे से फिर से जुड़ाव होगा।
घनश्याम तिवारी, भोपाल, मप्र।

पृथ्वी का जीवन

अगर ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा का यह दावा सही है कि अपने उत्तराधिकारी जेयर बोल्सोनारो द्वारा अमेजन वर्षावन को किए गए नुकसान को रोकने में कुछ हद तक सफल रहे हैं। इस साल के पहले छह महीने में क्षेत्र में वनों की कटाई में 33.6 फीसद की गिरावट आई है। अगर यह सही है तो यह दुनिया भर के पर्यावरणवादियों के लिए जश्न मनाने का समय है।

मगर पहले इस दावे की संबंधित विभागों के वैज्ञानिकों एवं विषेशज्ञों द्वारा पुष्टि करा लेना जरुरी है। यह सही है कि लूला दा सिल्वा ने पिछले चुनाव के घोषणापत्र में वन संरक्षण को सबसे ऊपर रखा था। अमेजन जंगल केवल दक्षिण अमेरिका के लिए महत्त्वपूर्ण नहीं है, बल्कि पूरी धरती के लिए इस क्षेत्र को हरा भरा रखना मानवता के लिए जरूरी है। यह वायुमंडलीय कार्बन डाइआक्साइड का लगभग 25 फीसद अवशोषित करता है।

यह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के माध्यम से पृथ्वी के वायुमंडल में कुल आक्सीजन का छह प्रतिशत पैदा करता है। इन्हीं कारणों से अमेजन वर्षावन को पृथ्वी ग्रह का फेफड़ा कहा जाता है। लूला दा सिल्वा की सरकार आज है, कल नहीं रहेगी। 60 फीसदी अमेजन जंगल ब्राजील के सीमा के भीतर पड़ता है।

दक्षिण अमेरिका के 40 फीसद भूभाग पर फैला है, जिसमे नौ देश आते हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र को चाहिए कि विश्व के जनमत से इन वनों का रखरखाव वह अपने हाथों में ले ले, तभी इसे ज्यादा प्रभावी तरीके से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर।

महंगाई की मार

देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस के साथ-साथ दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों की कीमतों में भी भारी बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारण देश की गरीब जनता का बुरा हाल है। लेकिन फिर भी केंद्र और राज्य की सरकारें इन सबको नजरअंदाज कर सिर्फ राजनीति और किसी भी तरह से सत्ता हथियाने की कोशिश में लगी हुई हैं।

खासतौर पर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं और लगातार साधारण लोगों की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत किसी से छिपी नहीं है। इस बेतहाशा महंगाई से देश के आम गरीब नागरिक बेहद परेशान हैं। देश में लाखों युवा बेरोजगार हैं।

गरीब भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन इन सभी लोगों की बुनियादी समस्याओं को नजरअंदाज कर सरकारें देश में सत्ता की राजनीति में लगी हुई हैं। केंद्र सरकार को तुरंत महंगाई कम करने और फल-सब्जियों के दाम कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
जे शेख अजीजी, मुंबई।

फुटबाल की उड़ान

सुनील छेत्री के नेतृत्व में भारतीय फुटबाल टीम ने दक्षिण एशियाई फुटबाल चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया है। इस प्रतियोगिता में भारत लगातार दो बार और कुल नौवीं बार चैंपियन होकर दक्षिण एशियाई फुटबाल में एक बार फिर से बड़ी कामयाबी हासिल कर सका है। पूरी प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रदर्शन निश्चित रूप से सराहनीय रहा।

भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को चार गोल से हराकर उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया था। बंगलुरु में खेले गए फाइनल में एक गोल से पिछड़ने के बाद भी भारतीय टीम ने शानदार वापसी करते हुए रोमांचक मुकाबले में कुवैत को चार के मुकाबले पांच गोल से हराकर खिताब अपने नाम किया। पेनल्टी शूटआउट में गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू का प्रदर्शन शानदार रहा।

भारतीय टीम की सफलता के पीछे क्रोएशिया के कोच इगोर स्टिमक की भूमिका भी अहम रही। शानदार उपलब्धि हासिल करने के लिए भारतीय फुटबाल टीम को बधाई।
अनित कुमार राय टिंकू, बाघमारा, धनबाद।