केंद्र की मौजूदा भाजपा सरकार जबसे सत्ता में आई है, विपक्षी दल प्रधानमंत्री की छवि जनता की नजरों में गिराने के लिए हर नकारात्मक तरीके अपनाते रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में मौजूदा सरकार की नाकामी देखी जा रही है, पर तुलनात्मक दृष्टि से बात करें तो देश की वर्तमान स्थिति पहले के मुकाबले बहुत हद तक बेहतर हुई है। पिछले आठ सालों में भारत को विश्वस्तर पर पहचान मिली है। वर्तमान सरकार में कमियां जरूर हैं, पर विपक्ष को उसे सही तरीकों से पेश करनी चाहिए, न कि अफवाह फैला कर जनता को गुमराह करना चाहिए।

2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारों लड़ाकू विमान को लेकर झूठ बोले थे। वह बात अब भी जनता की जेहन में है। यह तो थी कांग्रेस की बात, ऐसे कई तमाम उदाहरण हैं, जो प्रधानमंत्री की छवि को गलत तरीके से जनता के सामने परोसा गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो कुछ ज्यादा ही हद कर दी। कुछ दिनों पहले इन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि मदर टेरेसा से जुड़ी देश भर में जितने भी खाते हैं, सबको बंद कर दिया गया है। उन्होंने पोस्ट किया कि क्रिसमस के दिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मिशनरी आफ चैरिटी से जुड़े सभी बैंक खातों पर रोक लगा दी गई है। उस ट्वीट पर कुछ वक्त के लिए घमासान मच गया।

देश की शासन-व्यवस्था पर सेक्युलरिज्म को लेकर बात होने लगी। इतना ही नहीं, उन्होंने यहां तक लिख दिया कि मिशनरी के बाईस हजार रोगियों को बिना भोजन के छोड़ दिया गया। इस प्रकार तृणमूल कांग्रेस ने ईसाइयों के मन में प्रधानमंत्री को लेकर, कुछ वक्त के लिए ही सही, गलत अवधारणा पैदा कर दी। शाम भी नही हुई थी कि मिशनरी ने स्पष्ट कर दिया कि किसी का भी खाता बंद नहीं हुआ है। विपक्ष को मुंह की खानी पर गई।

मतदान का महत्त्व

देश के कुछ बड़े राज्यों में विधानसभा चुनावों की गहमागहमी है। ये चुनाव देश और राज्य के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन उससे भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण है मतदान में हिस्सा लेना। मतदान का मतलब है अपने लिए जिन लोगों की आप परवाह करते हैं उनके लिए और देश की प्रगति के लिए खड़ा होना है, क्योंकि अगर आप अपने हितों के लिए वोट नहीं करेंगे तो कौन करेगा? लोकतंत्र का मतलब ही होता है, लोगों द्वारा, लोगों के लिए सरकार, जिसमें युवा के लिए रोजगार, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद करना है। हमारे मतदान से चुना हुआ प्रतिनिधि आगे जाकर अपने विधानसभा क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने में बहुत अहम किरदार निभाता है।