आंदोलन कर रहे किसानों को सरकार के फैसले का स्वागत करने के साथ आंंदोलन स्थगित करना था। पर उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून बनाने और कृषि कानून संसद में रद्द करने की मांग की है, जो उचित भी है, मगर मांगों पर विचार और उन्हें पूरी करने हेतु सरकार को समय देना होगा। अब आगे क्या संपादकीय में छोटे किसानों की हो रही उपेक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करना उचित है।

मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने से किसानों के साथ न्याय और कानून भी रद्द होंगे। प्रधानमंत्री की घोषणा का फिलहाल देश और स्वयं के हित में संसद के सत्रावसान तक आंदोलन को बिना शर्त स्थगित कर देना चाहिए। सरकार को भी छोटे किसानों के हित में जारी नीति और नियम में संशोधन करना चाहिए।
’बीएल शर्मा ‘अकिंचन’, तराना, उज्जैन

दंड का दायरा

सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को समाप्त कर दिया। यह कानून 157 साल पुराना है। अदालत ने माना कि जब कानून बना तो उस समय इस कानून की सख्त जरूरत थी, अब बदलते हुए समाज और अधिकारों के तहत इस कानून की जरूरत नहीं है। जिस प्रकार उच्चतम न्यायालय ने शादी विवाह के बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना और इस दौरान कोई भी शादीशुदा महिला के साथ किसी पुरुष के संबंध होने के पश्चात उसके पति द्वारा उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है और उस पर मुकदमा चलता है, इसमें पांच वर्ष की सजा का भी प्रावधान है, न्यायालय ने माना कि इस प्रकार के मामलों में अगर किसी को किसी भी प्रकार का एतराज है तो वह विवाह विच्छेद के लिए अपना आवेदन अदालत में दे सकता है।

इस प्रकार के मामले अक्सर भारत की विभिन्न जिला अदालतों से लेकर उच्च न्यायालय तक में देखे गए, जिसमें शादीशुदा महिला के किसी पुरुष के साथ संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया। आखिरकार इस धारा को भी अब उच्चतम न्यायालय में समाप्त कर दिया गया है। पांच जजों की पीठ ने इस बात पर ध्यान दिया कि आखिरकार बदलते हुए समाज और समय के अनुसार इस प्रकार की पुरानी धाराओं पर आपराधिक मामले लगातार चलते रहते हैं और इसमें पुरुष को किसी भी कीमत पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता।

इस विषय पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी भी महिला का अभिभावक भी अब प्राथमिकी दर्ज नहीं करा पाएगा और किसी को भी इस तरह के अपराध में सजा का प्रावधान नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने इसमें अधिकार और उसकी स्वतंत्रता से जोड़ दिया।
’विजय कुमार धानिया, नई दिल्ली</p>