क्रिकेट विश्व कप में भारत की पकिस्तान पर जीत को सभी टीवी चैनलों पर देख-सुन कर मेरे मन में एक शब्द उभर आया- ‘तौबा!’ यह लीग का पहला ही मैच था। मेरे विचार से इतना प्रचार-प्रसार हमारी मानसिकता का दिवालियापन दर्शाता है। हमें खेल को खेल भावना से आंकना चाहिए। किसी भी खेल में जीत एक की होती है।
और, अभी तो यह क्रम शुरू हुआ है। यह पहला ही मैच था। यह बात दूसरी है कि यह मैच भारत और उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान के बीच था। अच्छा तो यह होता कि भारत की पारी के आखिरी पांच ओवर का विश्लेषण भी किया जाता, जो कि आने वाले भारत के खेलों में एक मार्ग-दर्शक की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती!
सतीश चोपड़ा, अशोक विहार, दिल्ली
फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/Jansatta
ट्विटर पेज पर फॉलो करने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/Jansatta
– See more