दुनिया इस वक्त जब आर्थिक मंदी और महंगाई के डर में जी रही है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूती से चलना सही दिशा में लिए गए फैसलों को दर्शाता है। खासकर यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद जहां अमेरिका सहित दुनिया के अधिकांश देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को लेकर डरे हुए हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को आने वाले दिनों में छंटनी के संदेश दिए हैं और कम संसाधनों में अधिक काम करने को कहा है।

मगर भारत के प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि भारत सरकार की उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के कारण भारतीय कंपनियां प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं। अच्छा मानसून और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार भी इसमें सहायक है। सेन्सेक्स भी एक बार फिर साठ हजार को पार कर गया है।

पर इस सबके बाद भी भारत को सावधान रहना होगा, क्योंकि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को संभालना अब भी चुनौती है और वैश्विक घटनाओं का असर कभी भी देश पर पड़ सकता है।