संपादकीय ‘अलगाव की आग’ के विषय में यही कहना है कि एक बार फिर अलगाववाद की लहर पंजाब में चल पड़ी है और अब वहां अंदर ही अंदर बहुत कुछ हो रहा है। अभी कुछ दिनों पहले आपरेशन ब्लू स्टार की अड़तीसवीं बरसी पर स्वर्ण मंदिर में जिस तरह से खालिस्तान के समर्थन में नारे लगे, उसमें कट्टरपंथी सिखों के अलावा उग्र विचारधारा वाले कई दल और संगठन शामिल हुए।

क्या विचार करें कि एक बार फिर पंजाब दहशत की तरफ बढ़ रहा है, जबकि अभी कुछ समय पहले ही तो एक नई सरकार ने पंजाब सरकार की बागडोर संभाली है। तब क्या लगता है यह सरकार आज पंजाब के प्रशासन को क्या मजबूती से संभालने में विफल रही है।

इसके पहले भी पंजाब में नशे के सौदागर युवाओं का जीवन बर्बाद करने में लगे हुए थे। उन्हें नशे की लत में डुबा दिया था, इसे भी सरकार की विफलता कहा जा सकता है। आज इस बढ़ते आतंकवाद को कौन हवा दे रहा है। हमारा एक घोषित शत्रु तो पाकिस्तान है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। पर आज राज्य के अंदर इन आतंक के सौदागरों को किसका समर्थन मिल रहा है, यह सब खोज का विषय है।

मनमोहन राजावत राज, शाजापुर