उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दूसरा कार्यकाल कुछ अलग ही संदेश दे रहा है। उनकी छवि एक कठोर प्रशासक की बन रही है। सबसे पहले उन्होंने मंदिरों और मस्जिदों से अनावश्यक लाउडस्पीकर हटाने के आदेश दिए और साथ ही कहा कि जो जरूरी लाउडस्पीकर हैं उनकी आवाज धार्मिक परिसर से बाहर न जाए। उनका दूसरा महत्त्वपूर्ण निर्देश यह आया है कि सभी मंत्री और अधिकारी अपनी संपत्ति सार्वजनिक करें।

यह सही है कि एक बार विधायक, सांसद या मंत्री बनने के बाद नेताओं की संपत्ति कुछ ही वर्षों में कई गुना बढ़ जाती है। पर योगी जी को यह भी समझना होगा कि जब एक विधायक या सांसद चुनाव जीतने के लिए बेतहाशा पैसा खर्च करेगा तो चुनाव जीतने के बाद लूट-खसोट को भी अंजाम देगा। इसलिए यह व्यवस्था बनानी चाहिए कि चुनाव लड़ने के लिए ज्यादा पैसे न खर्च करने पड़ें। वरना भ्रष्टाचार और विकास जुड़वां भाई बने रहेंगे।

चरनजीत अरोड़ा, नरेला, दिल्ली</strong>