लोगों को उम्मीद थी कि महंगाई कम होगी, मगर यह दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। पेट्रोल आज ?105 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। बढ़ती महंगाई सिर्फ पेट्रोलियम पदार्थों में ही नहीं, बल्कि सभी चीजों मे देखने को मिल रही है। रुपए की कीमत भी घटती जा रही है, जिसके कारण आयात भी महंगा होता जा रहा है। दूसरी ओर, घरेलू उत्पाद भी महंगे हो गए हैं।

इसने लोगों के जीवन स्तर पर भी काफी असर डाला है, क्योंकि लोगों की आय में कोई बढ़ोतरी नहीं है जिसके कारण लोग आवश्यक चीजें भी खरीदने में सक्षम नहीं है। हम देश की अर्थव्यवस्था की कमजोरी को लेकर चिंता तो जताते हैं, मगर इसकी जड़ों पर शायद गौर नहीं करना चाहते। सवाल है कि जब आम लोगों की क्रयशक्ति कमजोर रहेगी तो वह बाजार से क्या और कैसे खरीदेगा। इस तरह बाजार खोखला होगा और फिर उसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। क्या यह सोचने की जरूरत नहीं है कि कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देश में नागरिकों की स्थिति भी कमजोर होती है?

प्रतीक्षा मौर्या, ईस्ट आफ कैलाश, दिल्ली</strong>