यमुनोत्री यात्रा के दौरान छब्बीस बस यात्रियों की दुर्घटना में मृत्यु होना दुखद है। संपादकीय ‘हादसे के सबक’ में उल्लेख है कि सड़क, बस, कागजात दुरुस्त, नया पंजीयन आदि के बावजूद यह हादसा हुआ। उल्लेख यह भी है कि तीसरे फेरे में ड्राइवर को थकान के कारण नींद आने से यह हादसा हुआ, जब कि ड्राइवर का कहना है कि स्टीयरिंग फेल होने से दुर्घटना हुई। जो भी हो, जांच का विषय है। ऐसे हादसों पर सरकार मुआवजा देकर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लेती है, जबकि सावधानी, सतर्कता तथा गति आदि पर चिंतन के साथ घटना के प्रति जवाबदेही तय करना भी जरूरी है, क्योंकि यात्राएं बंद नहीं होना है और घटनाएं रोकना है तो दोषी व्यक्ति को जिम्मेदार ठहरा कर दंडित करना होगा।
बीएल शर्मा ‘अकिंचन’, उज्जैन