ओमीक्रोन कितनी तबाही फैलाएगा, इसका अंदाजा तो हम नहीं लगा सकते, लेकिन इस पर चिंतन अभी भी चल रही है। इसका डर लोगों के अंदर अभी से बहुत फैल चुका है। ओमीक्रोन के कारण ही तमाम कंपनियां परेशान हैं। एक बार फिर इससे आपूर्ति शृंखला बाधित होने की आशंका है। नतीजतन, महंगाई अब सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.7 फीसद पर रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष यानी पहली तिमाही में इसके घटकर 5.1 फीसद रहने का अनुमान जताया जा रहा है। मतलब कि 2021-22 में महंगाई दर छह फीसद के करीब रहने का अनुमान है। यह दर काफी चिंता बढ़ाने वाली है।
अगर रिजर्व बैंक के मानकों के हिसाब से महंगाई दर ऊपर भी चली जाए, तो यह माना जाना चाहिए कि अभी भी खतरा टला नहीं है। अगर इसी तरह महंगाई पर काबू नहीं पाया गया तो इसके राजनीतिक से लेकर आर्थिक स्तर तक गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। महंगाई की चोट हर वह व्यक्ति महसूस कर सकता है जो पेट्रोल पंप पर पेट्रोल या डीजल लेता है। डीजल के भाव बढ़ने से लगभग सारी चीजों की महंगाई बढ़ जाती है।
फिलहाल महंगाई बढ़ने से आम आदमी के पास अपनी मर्जी से खरीदने के लिए रकम कम पड़ जा रही है। स्वरोजगार, रोजगार और क्रयशक्ति की क्या हालत यह है, यह सभी जानते हैं। इसके कारण तमाम वस्तुएं और सेवाओं की मांग में कमजोरी है। कोरोना से व्यवस्था काफी हद तक बच गई है। लेकिन महंगाई के असर से बचना आसान नहीं होगा। इसलिए 2021 में यह खतरा बना हुआ है कि कहीं महंगाई कई तरह की आर्थिक संभावनाओं पर फिर से पानी न फेर दे। सरकार को इन मामलों पर काफी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि किस तरह से महंगाई को कम किया जाए, ताकि लोगों को इससे कुछ राहत मिल सके।
’रूबी सिंह, गोरखपुर, उप्र
स्त्री की सेहत
हमारे देश में आज भी कई ऐसे राज्य हैं, जहां महिलाओं की शादी कम उम्र में ही कर दी जाती है। इस समस्या पर काबू पाने के लिए महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल और पुरुषों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष की गई थी। अब लड़कियों की शादी के लिए तय उम्र 21 होगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इतने कानून आने के बाद भी लड़कियों की कम उम्र में शादी होना बंद हो गई? अगर किसी को ऐसा लगता है तो वे भ्रम में जी रहे हैं। आज भी कई ऐसे राज्य है जहां लड़कियों का बाल विवाह करा दिया जाता है। लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल कर देने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूर हुआ है, मगर काफी लोग इससे असंतुष्ट भी हैं। पर इसमें विरोध करने जैसा है क्या?
आज के समय में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कदम से कदम मिला कर चल रही हैं, लेकिन यहां हम उन लड़कियों के बारे में भी बात कर रहें हैं जो गांव में रहती हैं और उन्हें पढ़ाई के लिए भी अपने परिवार वालों को मनाना पड़ता है। ऐसे में अगर उन्हें तीन साल और मिल जाएगा तो वे सभी अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी और अपनी जिंदगी के साथ कुछ अच्छा कर पाएंगी।
अगर किन्हीं हालात में वे पढ़ाई नहीं कर पार्इं तो कुछ नया सीख सकती हैं, जिससे उन्हें शादी के बाद पति पर निर्भर न रहना पड़े। कम उम्र में शादी के कई नुकसान हैं, लेकिन कई लोग बिना सोचे समझे बहुत छोटी आयु में ही अपनी बेटियों की शादी करा देते है। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि कम उम्र में शादी की वजह से लड़कियों में कुपोषण की समस्या, शिशु और मातृ मृत्यु दर लंबे समय से समस्या के रूप में कायम है। अगर मां ही स्वस्थ नहीं रहेगी, तो बच्चा कैसे स्वस्थ पैदा होगा।
’स्मिता उपाध्याय, नागपुर, महाराष्ट्र