अभी जी-20 सम्मलेन में कई देश सम्मिलित हुए। सबने माना कि भारत की छवि अन्य देशों के मुकाबले अच्छी है। पर विपक्ष चीन को लेकर अतिउत्साहित दिखाई दिया और अपने रवैए के अनुरूप आंख दिखाने और आक्रामक होने की मांग करता रहा। जहां समस्त देशवासियों को आशा की किरण दिखाई दी, वहीं विपक्ष को अवसर दिखाई दिया। जी-20 में अपने ही देश को घेरते विपक्ष की मंशा आखिर क्या है। राजनीतिक विषयों पर पक्ष और विपक्ष का स्वागत करती जनता अब विचार मग्न है कि देश के विरुद्ध जाते विपक्ष को समर्थन दे या देश के समर्थन में जाए। विपक्ष को अपना रवैया सार्वजनिक करना होगा।