हाल ही में अभिनेता अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन ने गुटखे के विज्ञापन करने का अनुबंध वापस लेकर सराहनीय कार्य किया है। इसके विपरीत अजय देवगन, शाहरुख खान और सलमान खान अलग-अलग गुटखों के विज्ञापन अब भी कर रहे हैं, जो समाज के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
इसी तरह फिल्मों की शुरुआत से पहले दर्शकों को सिगरेट तथा अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करने की सलाह और सूचनाएं प्रसारित की जाती हैं, पर फिल्मों में नशीले पदार्थों और वस्तुओं के सेवन के साथ जुआ, सट्टा, तस्करी और गुटखे आदि के सेवन वाले दृश्य दिखाए जाते हैं। गौरतलब है कि फिल्म देखने वालों में युवाओं की संख्या बहुतायत होने से इनके दिलो-दिमाग पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। इस तरह के दृश्यों को फिल्मों में दिखाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए।
बीएल शर्मा ‘अकिंचन’, उज्जैन
प्रदूषण और बच्चे
अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा द्वारा किए एक अध्ययन से पता चला है कि पिछले बीस सालों से हवा में तेजी से बढ़ा नाइट्रोजन डाईआक्साइड प्रदूषण का जहर बच्चों का जीवन बर्बाद कर रहा है। अकेले 2019 में 18.5 लाख बच्चों को इस प्रदूषण से अस्थमा यानी दमा हुआ।
इनमें सत्तर फीसद मामले शहरों के हैं। शहरों में जीवाश्म र्इंधन से चलने वाले वाहन जैसे कार, ट्रक और बसें सबसे ज्यादा नाइट्रोजन डाईआक्साइड पैदा करते हैं। इसके अलावा डीजल से चलने वाले उपकरण, पावर प्लांट, टर्बाइन, इंजन, औद्योगिक बायलर्स, सीमेंट इकाइयों आदि से भी नाइट्रोजन डाईआक्साइड पैदा होता है। यही प्रदूषण बच्चों में अस्थमा की सबसे बड़ी वजह है।
नासा की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को अस्थमा और सांस के अन्य रोगों से बचाने के लिए उनके फेफड़ों को साफ हवा चाहिए। हमें उन्हें यही नहीं दे पा रहे हैं। विश्व के तैंतीस प्रतिशत शहरों में नाइट्रोजन डाईआॅक्साइड का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुरक्षा मानक से कहीं आगे है।
सुभाष चंद्र लखेड़ा, द्वारका, नई दिल्ली</p>
संयुक्त राष्ट्र की चिंता
यूक्रेन के लोग समर्पण करने और रूस की धौंस में रहने को कतई तैयार नहीं हैं। ऐसे में नाटो के पास रूस से सीधी टक्कर लेने से बचते हुए यूक्रेन की मदद करते रहने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचता। नाटो के सामने नई चुनौती फिनलैंड और स्वीडन जैसे तटस्थ देशों की सुरक्षा की भी है, जो अब नाटो की सदस्यता चाहते हैं। पुतिन को यह कतई गवारा नहीं होगा। संयुक्त राष्ट्र के लिए चिंता का विषय यह है कि उसके इतिहास में पहली बार कोई देश किसी स्वतंत्र देश पर हमला करके जबरन उसके टुकड़े कर रहा है और वह उसे रोक नहीं पा रहा।
हेमंत कुमार, भागलपुर</p>