इस बार का बजट आमजन के अनुकूल और प्रगतिशील विचारधारा वाला साबित होगा। भयंकर आपदा के बीच यह बजट विकास का नया विश्वास लेकर आया है। इससे युवा, दलित-पिछड़े वर्ग के साथ-साथ सभी वर्गों का हित साधा गया है। यह अत्यधिक निवेश, अत्यधिक विकास और अधिक रोजगार की संभावनाओं से भरा हुआ है। यह सही है कि बजट में मध्यवर्ग को कोई वैसी राहत नहीं मिली है, जिसकी अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन यह महत्त्वपूर्ण है कि सरकार ने पूंजीगत व्यय में भारी-भरकम व्यय करने की योजना बनाई है, उसके साकार होने से अंतत: आम आदमी को ही लाभ मिलेगा और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। विश्वास है कि इस बजट के जरिए हमारे देश का भविष्य उज्जवल होगा और आने वाले कल में देश का चहुमुखी विकास हो सकेगा।
- मनमोहन राजावत ‘राज’, शाजापुर
बेहतरी के लिए
इस वर्ष का केंद्रीय बजट पेश होने से पहले लोगों के मन में कई तरह के प्रश्न उठ रहे थे कि इस बार बजट में नया क्या रहेगा? बजट पेश होते ही सभी शंकाएं दूर हो गई हैं। इसमें शिक्षा से लेकर नारी सशक्तीकरण भी शामिल है। इस बजट में सभी चीजों का बेहतर खयाल रखा गया है। आंगन बाड़ी, बेहतर स्वच्छ ऊर्जा से संपन्न वातावरण तैयार किया जाएगा। डिजिटल विश्वविद्यालय खुलेगा और शिक्षा-व्यवस्था में बेहतर कंटैंट भी शामिल होगा। देश में निजी सेवाओं को बढ़ावा जाएगा। वित्त वर्ष 2021-22 में भारत के आनुमानिक जीडीपी ग्रोथ रेट 9.2 प्रतिशत है।
इस लिहाज से भारत पूरी दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। मौजूदा जीडीपी ग्रोथ में अमेरिका का जीडीपी 5.2 प्रतिशत चीन की 5.6 प्रतिशत, जापान की 3.2 प्रतिशत, ब्रिटेन की 5 और जर्मनी का 4.6 प्रतिशत रहने का अनुसार है। जबकि भारत इन देशों से काफी आगे हो चुका है। आने वाले दिनों में भी भारत इन विकसित देशों के अर्थव्यस्था से कई गुना मजबूत स्थिति में हो सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था ने यह शानदार उपलब्धि 32 वर्षों के बाद हासिल की है। वर्तमान में भारत के पास कुल विदेशी मुद्रा भंडार 46 लाख करोड़ डालर है। भारत को अगर अन्य देशों से आगे निकलना है, तो भारत को तेजी के साथ अपने ढांचे को और मजबूत करना होगा।
- समराज चौहान, कार्बी आंग्लांग, असम</li>