दिल्ली पुलिस ने खूंखार पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अशरफ को लक्ष्मी नगर के रमेश पार्क से पकड़ा है। उसके पास से एके 47, राइफल और हथगोला मिला। त्योहारों के मौसम में वह दिल्ली को दहलाना चाहता था। मगर दिल्ली पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। यह दिल्ली पुलिस की बहुत बड़ी सफलता है। इस गिरफ्तारी ने पाकिस्तान के इरादों का पर्दाफाश कर दिया है, जो कहता है कि वह शांति चाहता है। यह देश बहुत चतुर है। इसे बदला नहीं जा सकता। यह केवल गोली की भाषा जानता है। जम्मू-कश्मीर में वह लगातार आतंकवादियों की घुसपैठ कर रहा है। मगर हमारे बहादुर सैनिक उन्हें लगभग रोज मार रहे हैं।
पाकिस्तान भारत को अशांत करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन हमारी सरकार और सेना उसके इरादों को विफल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए, इस काइयां देश को अपना दिमाग बदलना चाहिए। जो ऊर्जा वह आंतकवादियों को पालने-पोसने पर खर्च करता है, वह देश के विकास पर खर्च करनी चाहिए, नहीं तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा और वहां भुखमरी होगी।
’नरेंद्र शर्मा, गांव भुजरु, मंडी
आतंक की जड़ें
जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को स्थानीय स्तर पर मिल रहे प्रश्रय से आतंकियों ने पिछले दिनों सात निर्दोष लोगों की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी। पुंछ में हुई मुठभेड़ में शहीद पांच सैनिकों का बदला हालांकि भारतीय सैनिकों ने लिया है, पर आतंकियों से आम नागरिकों का दहशत में होना तथा खासकर कश्मीर पंडितों और सिखों को निशाने पर लेना सबसे चिंतनीय है। आतंकियों को पाक का समर्थन मिलने से कश्मीरी मुसलिमों ने चुप्पी साध रखी है, जबकि आतंकियों द्वारा की जा रही हत्याओं का खुला विरोध तथा शह देने वालों की जानकारी शासन को देनी चाहिए।
बेलगाम हो रहे आतंवादियों को जड़मूल से उखाड़ना जरूरी हो गया है। इसलिए ऐसी मुहिम चलाई जाए, जिससे कि फिर से आतंकी सिर न उठा सकें। इसके अलावा उन विघ्नसंतोषियों को भी विश्वास में लेना जरूरी है, जो अशांति पैदा करना चाहते हैं।
’बीएल शर्मा ‘अकिंचन’, तराना, उज्जैन
चीन की हरकतें
पूरी दुनिया में विस्तारवादी नीति के कारण बदनाम हो चुका चीन ने एक बार फिर से भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में नापाक घुसपैठ करने की कोशिश की। चीन सिर्फ भारत के लिए नहीं, धीरे-धीरे पूरी दुनिया के लिए समस्या बनता जा रहा है। एलएसी पर चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
मगर अब चीन भी धीरे-धीरे समझ गया है कि भारत से पंगा लेना उसके लिए कितना भयावह हो सकता है। इसका जीता-जागता उदाहरण गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प है, जिसमें पीएलए के जवान बड़ी संख्या में मारे गए थे, क्योंकि चीन भारत के हाथों कई बार पटखनी खा चुका है। अब चीन को भी ‘वन इंडिया’ पॉलिसी का पालन करना चाहिए। भारत की सामरिक और आंतरिक सुरक्षा में चीन को दखल नहीं देना चाहिए। उसे उकसावे वाली कार्रवाई से भी बचना चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच हिंसक टकराव जैसी स्थितियां उत्पन्न न हों।
’समराज चौहान, कार्बी आंग्लांग, असम</p>