असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘एक्सपायर दवा’ कहा, जिस पर भाजपा ने भी समर्थन जताते हुए कहा कि बहुत जल्द राजद उन्हें आश्रम पहुंचा देगा। नीतीश प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री रहते हुए ही उनको कोई ‘एक्सपायर दवा’ कह रहा है, तो कोई उनका राजनीतिक भविष्य खत्म हो गया बता रहा है। ऐसे बयान उनकी हवा निकाल रहे हैं। जब प्रदेश में महागठबंधन की हवा निकल रही है, तब उनका प्रधानमंत्री बनने का सपना आखिर कैसे पूरा होगा? बेहतर यही है कि वे महागठबंधन और अपनी कुर्सी की रक्षा कर लें, क्योंकि खिचड़ी सरकार की उम्र का कोई भरोसा नहीं, कब पूरी हो जाए। उदाहरण ‘जनता पार्टी’ का सामने है, जो एक मजबूत पार्टी के रूप में उभर कर आई और ढाई साल में ही धराशायी हो गई।
- शकुंतला महेश नेनावा, इंदौर</strong>