लैंगिक असमानता खत्म करने के लिए जरूरी है कि एक समाज में महिला और पुरुष दोनों में समानता का भाव लाया जाएं। इसके लिए जरूरी है कि उनको बचपन से ही ये बताया जाए कि महिला और पुरुष दोनों ही समान है और एक समाज के निर्माण में उन दोनों की अहम भूमिका है। साथ ही असमानता को खत्म करने के लिए सरकार के द्वारा और भी प्रयास किए जाने की जरूरत हैं जो लैंगिक असमानता की रेखा को मिटा सके। विश्व बैंक की रिपोर्ट 2018 के मुताबिक भारत की जीडीपी में महिलाओं का योगदान केवल 19 फीसद है, जिसे बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। महिलाओं को नौकरी करने के लिए उचित सेवा दी जाए।
पूजा सेन, भोपाल, मप्र

पेड़ों का जीवन

‘वृक्ष कबहुं न फल भखे, नदी न संचय नीर’। उक्त पंक्ति हमारे जीवन मे प्रकृति के महत्त्व को दर्शाते हुए यह बताती है कि पेड़ों और नदियों का महत्त्व खुद उनके लिए न होकर हम मनुष्यों के लिए है। हम सभी जानते है कि पेड़ो और नदियों के बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी कठिन है। गर्मियां शुरू होने चुकी है और हर वर्ष की भांति हमें पेड़ों की महत्ता नजर आने लगेगी। गांवों की अपेक्षा शहरों में बहुत ज्यादा बुरा हाल हो जाता है। हरे-भरे पेड़ पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए हम सभी को कोशिश करनी चाहिए कि हम वर्ष में एक पेड़ अवश्य लगाएं।
नागेंद्र, मेरठ, उप्र