कोरोना संकट के लॉकडाउन के चलते लोगों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य और मोटर बीमा को रिन्यू कराने की तारीख अब 15 मई तक बढ़ा दी है। यही नहीं इस लॉकडाउन के दौरान किसी बीमा की अवधि समाप्त हो जाती है तो किसी तरह की पेनल्टी भी नहीं लगेगी। हालांकि अब एक अहम सवाल यह भी है कि यदि इस ग्रेस पीरियड के दौरान किसी बीमा धारक को क्लेम की जरूरत पड़ती है तो क्या वह उसे मिल पाएगा? आइए जानते हैं क्या कहते हैं एक्सपर्ट…
ग्रेस पीरियड पर क्या है नियम: आमतौर पर हेल्थ बीमा कंपनियां अवधि के समाप्त होने के बाद भी कुछ दिनों का ग्रेस पीरियड देती रही हैं और प्रीमियम चुकाने पर किसी तरह का फाइन में नहीं लगता था। हालांकि इस ग्रेस पीरियड की अवधि के खत्म होने के बाद फाइन देना पड़ता था। यही नहीं इस ग्रेस पीरियड के दौरान भी बीमित व्यक्ति को मिलने वाला नो-क्लेम बोनस की सुविधा मिलती रहती है।
IRDAI का कोई स्पष्ट नियम नहीं: यदि किसी नई बीमारी या हादसे के इलाज को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस संदर्भ में IRDAI का कोई लिखित बयान नहीं है कि ग्रेस पीरियड के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम मिलना चाहिए या नहीं। लेकिन उसकी ओर से यह बात स्पष्ट तौर लिखी गई है कि जिस वक्त के लिए प्रीमियम नहीं अदा किया गया है, उस दौरान कोई क्लेम नहीं माना जाएगा।
बिना प्रीमियम नहीं बनता क्लेम: एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमा कंपनी पर निर्भर है कि वह ऐसी स्थिति में क्लेम को स्वीकार करती है या नहीं। यदि क्लेम स्वीकार किया जाता है तो नियम यह है कि उस अवधि के लिए बीमा प्रीमियम भी अदा किया गया हो। एक्सपर्ट्स की मानें तो यह बात स्पष्ट तौर पर समझ लेनी चाहिए कि यदि प्रीमियम की अवधि समाप्त हो जाती है तो फिर बीमा क्लेम की अवधि भी साथ ही खत्म हो जाती है। भले ही ग्रेस पीरियड चल रहा हो, लेकिन प्रीमियम अदा करने तक कोई भी क्लेम नियम के मुताबिक स्वीकार नहीं किया जाता।
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