Trump Tariff country-wise list: अमेरिका द्वारा दुनियाभर के देशों पर लगाए जाने वाले टैरिफ की जानकारी आखिरकार मिलनी शुरू हो गई है। भारत-यूएस के बीच ट्रेड डील को लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है और सभी को इस डील का बेसब्री से इंतजार है अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 1 अगस्त से लागू होने वाली रेसिप्रोकल टैरिफ दरों के बारे में ट्रेड पार्टनर्स को जानकारी देने के लिए कल से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, Truth Social पर पत्र पोस्ट कर रहे हैं।
पत्र पोस्ट करने से पहले, उन्होंने घोषणा की कि “ब्रिक्स की अमेरिकी विरोधी नीतियों” के साथ खुद को जोड़ने वाले देशों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, साथ ही उन्होंने सख्त चेतावनी दी कि कोई “अपवाद” नहीं होगा।
पहले दो पत्र जापान और दक्षिण कोरिया के लिए थे और पता चला कि अमेरिका 25 प्रतिशत की टैरिफ दर लगाएगा।
तीसरा पत्र मलेशिया के प्रधानमंत्री को लिखा गया था। इसके बाद कजाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, लाओस, म्यांमार, ट्यूनीशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, बांग्लादेश, सर्बिया, कंबोडिया और बोस्निया और हर्जेगोविना सहित अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों को पत्र लिखा गया था।
देशों की लिस्ट और उन पर लगे टैरिफ रेट्स
- -बांग्लादेश (Bangladesh): 35%
- -बोस्निया और हर्जेगोविना (Bosnia and Herzegovina): 30%
- -कंबोडिया (Cambodia): 36%
- -इंडोनेशिया (Indonesia): 32%
- -जापान (Japan): 25%
- -कजाकिस्तान (Kazakhstan): 25%
- -लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (Lao People’s Democratic Republic): 40%
- -मलेशिया (Malaysia): 25%
- -म्यांमार (Myanmar): 40%
- -रिपब्लिक ऑफ सर्बिया (Republic of Serbia): 35%
- -रिपब्लिक ऑफ ट्यूनिशिया (Republic of Tunisia): 25%
- -दक्षिण अफ्रीका (South Africa): 30%
- -दक्षिण कोरिया (South Korea): 25%
- -थाइलैंड (Thailand): 36%
ट्रम्प के टैरिफ पत्रों में क्या कहा गया?
ट्रंप के सभी पत्रों की शुरुआत इन शब्दों से होती है: “आपको यह पत्र भेजना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है क्योंकि यह हमारे व्यापारिक संबंधों की ताकत और प्रतिबद्धता को दिखाता है और इस तथ्य को दर्शाता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका आपके महान देश के साथ बड़े व्यापार घाटे के बावजूद इसे जारी रखने के लिए सहमत हुआ है।”
फिर उन्होंने कहा कि अमेरिका ने “आगे बढ़ने” का फैसला किया है, लेकिन अधिक “संतुलित और निष्पक्ष व्यापार” के साथ। “इसलिए, हम आपको संयुक्त राज्य अमेरिका की असाधारण अर्थव्यवस्था, दुनिया में अब तक के नंबर एक बाजार में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।”
बोस्निया और हर्जेगोविना के लिए पत्र में कहा गया है कि ये संबंध “रेसिप्रोकल से बहुत दूर” रहे हैं।
टैरिफ लेटर्स थाईलैंड, कंबोडिया, सर्बिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, ट्यूनीशिया, म्यांमार, लाओस, दक्षिण अफ्रीका, कजाकिस्तान, मलेशिया, कोरिया और जापान के लिए एक ही नोट पर शुरू हुए।
ट्रंप ने अपने पत्रों में तर्क दिया कि अगर ट्रेड पार्टनर्स, अमेरिका में उत्पादों के “बिल्ड और मैन्युफैक्चर” के लिए सहमत होते हैं तो रेसिप्रोकल टैरिफ की कोई जरूरत नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा, “वास्तव में, हम जल्दी, पेशेवर और नियमित रूप से मंजूरी प्राप्त करने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे – दूसरे शब्दों में, कुछ ही हफ्तों में।”
पत्रों में आगे चेतावनी दी गई है, “यदि किसी भी कारण से आप अपने टैरिफ बढ़ाने का फैसला लेते हैं, तो आप उन्हें बढ़ाने के लिए जो भी संख्या चुनेंगे, वह हमारे द्वारा वसूले जाने वाले 25% में जोड़ दी जाएगी।”
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ये टैरिफ “संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ अस्थिर व्यापार घाटे” को ठीक करने के लिए जरूरी हैं।
ट्रंप ने इन पंक्तियों के साथ अपने पत्र को समाप्त करते हुए कहा, “ये टैरिफ आपके देश के साथ हमारे संबंधों के आधार पर ऊपर या नीचे संशोधित किए जा सकते हैं। आप संयुक्त राज्य अमेरिका से कभी निराश नहीं होंगे।”