GST reforms: आखिरकार केंद्र सरकार ने जीएसटी सिस्टम में सुधार लाते हुए बुधवार रात (3 सितंबर 2025) आम आदमी को बड़ी राहत की घोषणा की। जीएसटी परिषद ने बुधवार, 3 सितंबर को टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और आम नागरिकों व कारोबारियों पर बोझ कम करने के उद्देश्य से व्यापक सुधारों को मंजूरी दी। जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में, चार-स्तरीय कर ढांचे को घटाकर दो स्लैब- 5% और 18% कर दिया गया है। इसके साथ ही 12% और 28% की दरों को खत्म कर दिया गया है।

मोदी सरकार का कहना है कि खासतौर पर मिडिल क्लास, किसानों, MSME, युवाओं और महिलाओं को जीएसटी में हुए इन नए बदलावों का फायदा मिलेगा। आम आदमी की रोजर्मरा की चीजों से जीएसटी को खत्म करके महंगाई से राहत देने की कोशिश की गई है। आपको बता रहे हैं कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे जीएसटी को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।

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रोजमर्रा के इन सामानों पर अब ‘नो जीएसटी’

जीएसटी सुधारों में सबसे खास है कि बहुत सारे सामान अब उस लिस्ट में आ गए हैं जिन पर जीएसटी जीरो है।

दूध और दूध से बने उत्पाद (Milk and milk products)

फूड प्रोडक्ट्स में अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, छेना और पनीर को 5% के स्लैब से हटाकर शून्य (GST-फ्री) कर दिया गया है

रोटी: घर-परिवारों को बड़ी राहत देते हुए अब सभी तरह की भारतीय ब्रेड- जैसे रोटी, पराठा, नान और ऐसे ही अन्य उत्पादों को जीएसटी से छूट मिल गई है।

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पढ़ाई से जुड़े सामान: पढ़ाई-लिखाई से जुड़े सामानों को भी पूरी तरह से राहत दी गई है। अब नक्शे, चार्ट और ग्लोब टैक्स-फ्री मिलेंगे। क्लास में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामान जैसे शार्पनर, पेंसिल, क्रेयॉन्स और पेस्टल कलर्स पर भी जीएसटी नहीं लगेगा। एक्सरसाइज बुक्स और नोटबुक्स, जिन पर पहले 12% टैक्स लगता था वो अब जीएसटी-फ्री होंगी। इसी तरह, 5% कैटेगिरी में आने वाले रबर (इरेजर) पर भी अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।

हेल्थ सेक्टर: सबसे अहम जीएसटी काउंसिल ने 33 जीवनरक्षक दवाओं, जिनमें कैंसर की दवाइयां भी शामिल हैं उनसे जीएसटी पूरी तरह हटाने का ऐलान किया है। इन पर लगने वाला टैक्स 12% से घटाकर शून्य कर दिया गया है। इस फैसले से गंभीर बीमारियों के मरीजों को देशभर में दवाइयां और ज्यादा किफायती और सुलभ होने की उम्मीद है।

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इसके अलावा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से भी जीएसटी को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।

जीएसटी घटने से सस्ते हुए ये सामान

कुछ सामानों से जीएसटी खत्म होने के अलावा, हर दिन इस्तेमाल में आने वाली कई चीजों को प्रतिशत टैक्स स्लैब में लाया गया है। पर्सनल केयर आइटम जैसे तेल, साबुन, शैम्पू और टूथब्रश पर अब 12-18 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।

फूड प्रोडक्ट्स जैसे नमकीन, पास्ता, इंस्टैंट नूडल्स, कॉफी और कॉर्नफ्लेक्स को भी अब कम टैक्स स्लैब में लाया गया है। इसी तरह मक्खन, घी और डेयरी स्प्रेड्स पर लगने वाली जीएसटी दरों में भी कमी की गई है।

जीएसटी में सुधार से कुछ अन्य सेक्टरों को भी राहत मिली है। इनमें कृषि और रिन्यूएबल एनर्जी, बायो-पेस्टिसाइड्स, सिंचाई से जुड़े उपकरण, सोलर हीटर, विंडमिल समेत कई प्रोडक्ट्स को 5 प्रतिशत के ब्रैकेट में लाया गया है। इसके अलावा डायग्नोस्टिक किट्स, स्पेक्टेकल्स, हैंडिक्राफ्ट्स और मार्बल ब्लॉक को भी कम रेट से फायदा मिलेगा।

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ऊंचे जीएसटी स्लैब को किया गया खत्म

जिन सामानों पर पहले 28% टैक्स लगता था- जैसे एयर कंडीशनर, 32 इंच से बड़े टेलीविजन, छोटी कारें, 350cc से कम की मोटरसाइकिलें, ट्रैक्टर, ट्रक, बसें, सीमेंट और ऑटो पार्ट्स, उन्हें अब 18% स्लैब में लाया गया है। इस कमी से खपत बढ़ने और उपभोक्ताओं व कारोबारियों दोनों के लिए लागत कम होने की उम्मीद है।

वहीं पान मसाला, सिगरेट, कोल्ड ड्रिंक्स, बड़ी मोटरसाइकिलें, लग्जरी कारें, प्राइवेट एयरक्राफ्ट और यॉट जैसी तथाकथित ‘लग्जरी और नुकसान वाले सामान’ पर अब 40% की उच्चतम जीएसटी दर लागू रहेगी।

सरकार ने इन सुधारों को खासतौर पर जनता के हित को ध्यान में रखते हुए किया है। सरकार का कहना है कि दरों का युक्तिकरण कई पुराने मुद्दों को सुलझाता है, जिनमें इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर और वर्गीकरण संबंधी विवाद शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी छूट से कवरेज अधिक किफायती होगा, जबकि श्रम-प्रधान क्षेत्रों में टैक्स कटौती से प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।

आपको बता दें कि जीएसटी में ये सुधार 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे।

जीएसटी क्या है?

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (Goods and Services Tax) यानी जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) है। इस टैक्स को 1 जुलाई 2017 को पूरे भारत में लागू किया गया था। ‘वस्तु एवं सेवा कर’ को देश के संविधान में 122वें संशोलधन विधेयक के जरिए लाया गया। आपको बता दें कि दुनियाभर के 150 से ज्यादा देशों में ऐसा ही टैक्स सिस्टम लागू है। यहां पढ़ें पूरी खबर