रिलायंस ग्रुप भारतीय खुदरा बाजार में अपनी बादशाहत कायम करने की ओर आगे बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रिलायंस रिटेल के 14, 412 स्टोर देशभर में 4 करोड़ वर्ग फीट में फैला हुआ है। Bernstein की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस रिटेल रेवेन्यू और स्टोर नेटवर्क के मामले में भारत का सबसे बड़ा खुदरा विक्रेता कंपनी है। पिछले 5 सालों में रिलायंस रिटेल के रेवेन्यू में 5 गुना बढ़ोतरी देखी गई है,जबकि मुख्य खुदरा राजस्व करीब 18 बिलीयन डॉलर है।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फ्यूचर रिटेल के करीब 200 स्टोर्स को अपने हाथों में ले लिया है। अब रिलायंस इसका संचालन करेगी। साथ ही रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल पर काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी का भी ऑफर दिया है। रिलायंस रिटेल द्वारा फ्यूचर रिटेल के स्टोर्स को अपने हाथों में लिए जाने के सवाल पर अमेजॉन ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
30 हजार लोगों को नौकरी: देशभर में फ्यूचर रिटेल के 1700 से अधिक स्टोर है और रिलायंस ने करीब 200 स्टोर्स को अपने कब्जे में लिया है जो घाटे में चल रहे थे, जिसमें बिग बाज़ार के भी स्टोर शामिल है। बाकी स्टोर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड ही चलाएगी जिससे फ्यूचर रिटेल के परिचालन घाटे में कमी भी आयेगी। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस ऐसे परिसरों का इस्तेमाल करेगी जो व्यापारिक रूप से प्रॉफिट देने वाले हो। रिलायंस इस प्रक्रिया में 30 हजार कर्मचारियों को नौकरी पर भी रखेगी। इसमें वो कर्मचारी भी शामिल होंगे जो फ्यूचर रिटेल लिमिटेड में पहले से कार्यरत थे।
ऐसा माना जा रहा है कि रिलायंस और फ्यूचर रिटेल की इस डील से कर्मचारी सहित सभी हितधारकों को फायदा है ,क्योंकि इससे कंपनी भी चलेगी, कंपनी की कीमत भी बनी रहेगी और कर्मचारियों की नौकरी भी नहीं जाएगी।
डील पर विवाद: अगस्त 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस रिटेल को अपना कारोबार 24,712 करोड़ में बेचने की डील की थी। इस डील के अंतर्गत खुदरा और थोक कारोबार, लॉजिस्टिक और वेयरहाउस शामिल था जिसे रिलायंस को सौंपा जाना था। अमेजॉन ने इस डील का विरोध किया और वर्तमान में इस डील का मामला सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और एनसीएलटी में चल रहा है।