भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को एक स्पष्ट खतरा बताया है और इससे सावधान रहने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना केवल अटकलें हैं। उन्होंने आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर कहा कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर है तो वहीं भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं।
आरबीआई की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में कहा गया है कि क्रिप्टो -परिसंपत्ति पारिस्थितिकी तंत्र का बढ़ता खतरा है। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने परिसंपत्ति बाजारों से जुड़ी कई कमजोरियों को उजागर किया गया है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार चिंता जाहिर कर चुका है, जिसे अत्यधिक सट्टा संपत्ति के रूप में देखा जाता है।
शुन्य तक हो सकती है क्रिप्टो की कीमत
आरबीआई ने कहा कि क्रिप्टो जोखिमों और डेटा गैप जैसी चुनौतियों का सामना करता है। वहीं महंगाई दर के बढ़ते दबाव के कारण वैश्विक तरलता का प्रभाव भी क्रिप्टो पर पड़ा है। इसक कारण इसकी कीमत शुन्य तक हो सकती है।
लाभ की ओर लौट रहे बैंक
FSR की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं। आरबीआई ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) की पूंजी 16.7% की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है, जबकि मार्च 2022 में बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफार्मिंग एसेस्ट अनुपात गिरकर छह साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गया।
रिकवरी की राह पर इकोनॉमी
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी की राह पर है। लेकिन मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सावधानीपूर्वक निपटने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास संकट झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है।