केंद्र की ओर से कुछ कर्मचारियों के पेंशन, फैमिली पेंशन और अन्य लाभों में संशोधन किया गया है। कार्मिक और पेंशनभोगी कल्याण मंत्रालय की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया है, जिसके तहत 5th, 6th और 7th Central Pay Commission के कर्मचारियों के पेंशन के नियमों में बदलाव किया है।
मंत्रालय ने अपने परिपत्र में कहा कि 1996 से पहले के पेंशनभोगियों (5th CPC), 2006 से पहले के पेंशनभोगियों (6th CPC) और 2016 से पहले के पेंशनभोगियों (7th CPC) के पेंशन में संशोधन किया गया है। केंद्र द्वारा पेंशन संशोधन के बारे में जानकारी देते हुए कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि कुछ पेंशनभोगियों की ओर से दी गई रिप्रसेशन और कुछ अदालती फैसलों के आधार पर, व्यय विभाग के परामर्श से पेंशन के नियमों में बदलाव हुआ है।
कब से संशोधन होगा लागू
इसी तरह, ऐसे पेंशनभोगियों या पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन 01.01.1996, 01.01.2006 और 01.01.2016 से संशोधित की जाएगी, जो कि 1996 से पूर्व, 2006 से पूर्व और 2016 के पूर्व पेंशनभोगी या पारिवारिक पेंशनभोगी की पेंशन में संशोधन के लिए जारी पूर्व के आदेशों के अनुसार है। जिसके तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन या अनुकंपा भत्ता उस दर पर स्वीकृत किया गया था, जो पूर्ण पेंशन से कम था।
क्या किया गया है बदलाव
यानी कि अब इस संशोधन के अनुसार इन कर्मचारियों की पेंशन की गणना कम प्रारंभिक पेंशन या कंपनसोनेट भत्ता अनिवार्य सेवानिवृत्ति, बर्खास्तगी व निष्कासन के आधार पर की जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो परिपत्र के अनुसार, संशोधित पेंशन या अनुकंपा भत्ता, उसी प्रतिशत से कम किया जाएगा, जिससे अनिवार्य सेवानिवृत्ति, बर्खास्तगी या हटाने पर पेंशन और अनुकंपा भत्ता की मंजूरी के समय प्रारंभिक पेंशन कम की गई थी। हालाकि गणना की गई संशोधित पेंशन भी बिना किसी कटौती के पूर्ण रूप से दी जाएगी।
पेंशन की राशि में नहीं होगी कमी
परिपत्र के अनुसार गणना की गई पारिवारिक पेंशन की राशि में किसी भी मामले में कोई कमी नहीं होगी, जिसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं जहां प्रारंभिक अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन और अनुकंपा भत्ता की राशि पूर्ण पेंशन से कम थी।