रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पुणे स्थित एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि कंपनी की कमाई की संभावनाओं और पूंजी की कमी के कारण लाइसेंस कैंसिल (RBI Cancel License of Co-Operative Bank) किया गया है। अगर आपका भी इस बैंक में खाता है, तो आइए जानते हैं आपके पैसे का क्‍या होगा और बैंक के लाइसेंस रद्द होने से जमाकर्ताओं पर क्‍या प्रभाव पड़ेगा।

रिजर्व बैंक की ओर से 10 अक्‍टूबर, 2022 को एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें “दी सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि. पुणे, महाराष्‍ट्र” (The Seva Vikas Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस कल यानी सोमवार से रद्द कर दिया गया है। लाइसेंस रद्द होने से बैंकिंग बिजनेस भी नहीं कर सकता है। इस बैंक के सभी तरह के व्‍यवसाय को बंद कर दिया गया है।

इसके अलावा, आरबीआई ने कहा कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने के लिए रिक्वेस्‍ट किया है। बयान में कहा है कि पुणे स्थित को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर किया गया है।

जमाकर्ताओं पर क्‍या होगा असर

रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि अगर इस बैंक का लाइसेंस नहीं रद्द किया जाता है तो यह ग्राहकों के हितों के बिल्कुल उलट होता और ग्राहकों का पैसा भी डूब सकता था। इसके साथ ही यह बैंक ग्राहकों के पैसों का भुगतान करने में असमर्थ होगा। अब इस बैंक में पैसों को जमा नहीं किया जा सकता है। साथ ही इससे निकासी पर भी रोक लगा दी गई है।

ग्राहकों के पैसों का क्‍या होगा

परिसमापन पर, हर जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से 5,00,000 रुपये की मौद्रिक सीमा तक जमा बीमा दावा राशि पा सकते हैं। बैंक के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।