जीएसटी विधेयक के मसले पर कांग्रेस से ‘अहं’ छोड़ने की अपील करते हुए दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि इस विपक्षी दल को देशहित में यह विधेयक पारित कराने का रास्ता साफ करना चाहिये। प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘देश का हित राजनीतिक अहं से ऊपर होना चाहिये। मैं कांग्रेस से अपील करता हूं कि वह अपना अहं छोड़े, ताकि देशहित से जुड़ा जीएसटी विधेयक संसद में पारित हो सके।’

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंबई में अपने हालिया बयान में कहा था कि अगर सरकार जीएसटी विधेयक पर कांग्रेस की तीन शर्तें मान लेती है, तो यह विधेयक संसद में महज 15 मिनट के भीतर पारित हो सकता है। केंद्रीय मंत्री ने राहुल के इस बयान पर कहा, ‘पिछला लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस जीएसटी के मामले में अव्यावहारिक शर्तें तय कर रही है। इनमें से कुछ शर्तें तो ऐसी हैं कि इन्हें मान लिये जाने से राज्यों के अधिकारों का हनन होगा।’

उन्होंने जीएसटी पर कांग्रेस के रुख पर कटाक्ष किया, ‘क्या कांग्रेस अपनी चुनावी हार से अब तक उबर नहीं सकी है या उसने मान लिया है कि उसे दोबारा सत्ता में नहीं आना है।’ प्रसाद ने एक सवाल पर कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मामले में उच्चतम न्यायालय के अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा की जानी चाहिये। हालांकि, समाज का बड़ा पक्ष इस मसले को आम सहमति के आधार पर सुलझाने के पक्ष में है।’

बहरहाल, राम मंदिर मसले पर भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के पिछले दिनों सामने आये विवादास्पद बयानों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें इस विषय में कोई टिप्पणी नहीं करनी है। प्रसाद ने बताया कि कॉल ड्रॉप की समस्या को कम करने के लिये सरकार के प्रयासों और सख्ती के कारण निजी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने पिछले तीन महीने में देश में 25,000 नये मोबाइल टॉवर लगाये हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कम्पनी बीएसएनएल ने भी पिछले दो साल में 25,000 नये टॉवर लगाये हैं।

नेट तटस्थता को लेकर सरकार के मौजूदा रुख के बारे में पूछे जाने पर दूरसंचार मंत्री ने कहा, ‘नेट तटस्थता के विषय पर दुनिया में अलग.-अलग मत हैं। हम इस विषय पर किसी नीतिगत फैसले से पहले भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जो इस सिलसिले में विस्तार से अध्ययन कर रहा है।’

उन्होंने बिहार में कानून..व्यवस्था की स्थिति को ‘चिंताजनक’ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा, ‘नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार को बिहार में अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिये। जनता में यह संदेश नहीं जाना चाहिये उनकी सरकार अपराधियों पर कार्रवाई में खुद को पंगु महसूस कर रही है।’