PM Awas Yojana 2.0: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की कामयाबी के बाद हाल ही में 9 अगस्त 2024 को PMAY 2.0 लॉन्च की थी। PMAY का नया एडिशन एक क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) है जिसे आम आदमी के अपने घर बनाने या खरीदने में मदद करने के इरादे से डिजाइन किया गया है। हालांकि, कई लाभार्थियों को यह नहीं पता कि कुछ चुनिंदा परिस्थितियों में सरकार स्कीम में मिलने वाली लोन सब्सिडी को वापस ले सकती है। इस स्कीम का फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको जरूरी नियमों व शर्तों को समझना होगा।

PMAY 2.0 scheme rules: पीएमएवाई 2.0 स्कीम के नियम

PMAY 2.0 के तहत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), लो इनकम ग्रुप (LIG) और मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) को फायदा देती है। इस स्कीम के मुताबिक, उन लोगों को मदद दी जाती है जिनका देशभर में कहीं भी अपना घर नहीं है। इसके लिए कुछ पात्रताएं तय की गई हैं जो निम्न हैं:

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EWS: इस कैटेगिरी में लाभ लेने वाले लोगों की सालाना इनकम 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

LIG: इस कैटेगिरी के लाभार्थियों की सालाना आय 3 से 6 लाख रुपये के बीच होनी चाहिए।

MIG: इस कैटेगिरी के लोगों की सालाना इनकम 6 से 9 लाख रुपये के बीच होनी चाहिए।

किन कारणों के चलते सरकार वापस ले सकती है स्कीम में मिलने वाली लोन सब्सिडी

-अगर कर्जदार लोन रीपेमेंट नहीं कर पाता और डिफॉल्टर हो जाता है और उसका अकाउंट NPA बन जाए।

-अगर सब्सिडी पहले ही रिलीज की जा चुकी है और किसी कारणवश घर का निर्माण रुक गया हो।

-अगर एक साल के भीतर यूटिलाइज़ेशन/एंड-यूज सर्टिफिकेट (utilisation/end-use certificate) जमा ना हो सके।

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कैसे मिलती है PMAY सब्सिडी?

PMAY के तहत मिलने वाली लोन सब्सिडी को कर्जदार के लोन अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है। और उनकी EMI कम हो जाती है। इस स्कीम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और लो-इनकम ग्रुप (LIG) को 6.5 प्रतिशत की इंट्रेस्ट सब्सिडी (interest subsidy) मिलती है।

सब्सिडी का EMI पर पड़ता है क्या प्रभाव?

अगर सब्सिडी विड्रॉ की जाती है तो कर्जदार की EMI बढ़ सकती है। IMGC के COO अनुज शर्मा के मुताबिक, PMAY सब्सिडी, कर्जदार की प्रभावी ब्याज दर को कम कर देती है। जब सब्सिडी खत्म होती है तो कर्जदार को वापस ओरिजिनल ब्याज दर चुकानी पड़ती है जिससे EMI में बढ़ोत्तरी हो जाती है।

ध्यान रखने योग्य बातें
किन-किन परिस्थितियों में सब्सिडी को वापस लिया जा सकता है, लोन लेने वाले शख्स को यह जानने के लिए अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा सभी जरूरी दस्तावेज जैसे यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट और इनकम सर्टिफिकेट का होना भी जरूरी है।