सरकारी गोल्ड बॉन्ड स्कीम (स्वर्ण बॉन्ड योजना) 2021-22 के लिए मूल्य दायरा 4,791 प्रति ग्राम तय किया गया है। बॉन्ड के लिए आवेदन 29 नवंबर से पांच दिनों तक दिया जा सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। स्वर्ण बॉन्ड योजना 2021-22 की यह आठवीं किस्त है। यह 29 नवंबर को खुलेगी और तीन दिसंबर को बंद होगी। रिजर्व बैंक ने कहा, ” बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,791 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है।”
सरकार ने रिजर्व बैंक के साथ विचार-विमर्श में ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट देने का भी फैसला किया है। ऐसे निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 4,741 रुपये प्रति ग्राम होगा। इससे पहले, श्रृंखला सात के लिए निर्गम मूल्य 4,761 रुपये प्रति ग्राम था। आरबीआई भारत सरकार की ओर से बॉन्ड जारी करेगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स सरकारी बॉन्ड होते हैं और इन्हें आरबीआई जारी करता है। यह एक किस्म के सर्टिफिकेट होते हैं, जो सोने के ग्राम के हिसाब से जारी किए जाते हैं, जिससे खरीदार/निवेशक अपनी भौतिक संपत्ति को सुरक्षित रखने के दबाव के बिना सोने में निवेश कर सकता है। ऐसे गोल्ड बॉन्ड्स लोगों के बीच एक सुरक्षित निवेश उपकरण के रूप में काम करते हैं, क्योंकि सोने की कीमतों में बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है।
निवेशक इन बॉन्ड्स में ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन भी निवेश कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, ये बॉन्ड जिस कीमत पर जारी किए जाते हैं, उस पर हर वर्ष 2.50 फीसदी का ब्याज मिलता है। ब्याज की रकम प्रति छह महीने में निवेशक के बैंक खाते में पहुंच जाती है। वैसे, इस पर स्लैब के हिसाब से टैक्स भी चुकाना पड़ सकता है।
गोल्ड बॉन्ड स्कीम आठ साल के लिए होती है, पर यह योजना निवेशकों को ब्याज भुगतान की तारीखों पर पांच साल पूरे होने के बाद किसी भी समय जल्दी रीडीम का विकल्प चुनने की अनुमति देती है। आप इन बॉन्ड्स को भौतिक रूप में या डीमैट रूप में रख सकते हैं। आप अपनी होल्डिंग को डीमैट से भौतिक में बाद में कभी भी या इसके विपरीत बदल सकते हैं।
क्या आपको करना चाहिए निवेश?: सोना महंगाई के खिलाफ बचाव के रूप में काम करता है। यह राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के समय में तरलता भी देता है, इसलिए किसी के पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा सोने में होना चाहिए। भारत में सोना सभी बोधगम्य सामाजिक अवसरों पर तोहफे में दिया जाता है। खासकर बेटे और बेटियों की शादी के समय इसलिए, सोने में निवेश करते रहना चाहिए ताकि परिवार में शादी के समय आसानी से उपलब्ध पर्याप्त सोना जमा हो सके।
चूंकि, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (एसजीबी) के माध्यम से सोने में निवेश पर आपको ब्याज मिलता है और साथ ही रिडेम्पशन पर पूंजीगत लाभ कर-मुक्त होता है, इसलिए आपको किसी भी मुद्रास्फीति से बचने और अपने पोर्टफोलियो के विविधीकरण के लिए इन बांडों में निवेश करना चाहिए।