New Income Tax Bill 2025 Updates: संसद के दोनों सदनों में आज (10 फरवरी 2025) सुबह बजट सत्र दोबारा शुरु होगा। पिछले हफ्ते शुक्रवार (7 फरवरी 2025) को केंद्रीय कैबिनेट ने नए इनकम टैक्स बिल को मंजूरी दी थी। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया। टैक्स सिस्टम को बेहतर बनाने के इरादे से इस बिल को पेश किया जा रहा है ताकि यह प्रक्रिया पहले से ज्यादा आसान और स्पष्ट हो सके।
केंद्रीय बजट 2025 पेश करते वक्त खुलासा हुआ था कि वित्त मंत्रालय इस सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने नया आयकर विधेयक (New Income Tax Bill) पेश करेगा। बजट के बाद सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिल के सुचारू रूप से पारित होने की उम्मीद जताई थी। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि नया बिल पिछले वर्जन की तुलना में 50% छोटा और स्पष्ट होगा। पढ़ें हर अपडेट…
जीएसटी दरों में बढ़ोतरी पर स्पष्टीकरण देते हुए एफएम सीतारमण ने कहा कि दरें कम हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ग्राहक पर 15.8% टैक्स लगाया जा सकता था, लेकिन यह दर घटकर 11.3% हो गई।
सिम्प्लीफाइड टैक्स कोड से करदाताओं को उनके कानूनी कर्तव्यों और छूट पर अधिक स्पष्टता मिलने की संभावना है। यदि सरकार यह सुनिश्चित करे कि कर प्रावधानों में न्यूनतम बदलाव हों तो व्यवसायी अपने पैसे की बेहतर योजना बना सकेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज केंद्रीय बजट 2025 पर जवाब दे सकती हैं। इसलिए वह संसद सत्र में भाग लेंगी। संभावना है कि वह नया आयकर विधेयक भी पेश कर सकती हैं। यदि इसे आज पेश नहीं किया जाता है, तो उनसे इस सप्ताह के भीतर इसे पेश करने की उम्मीद है।
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए आयकर विधेयक का प्रस्तावित उद्देश्य और डायरेक्शन महत्वाकांक्षी है।
पिछले 6 दशकों में, I-T अधिनियम में किए गए कई एडिशन, डिलीशन और रिवीजन ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है। रियाज़ थिंगना, पार्टनर - टैक्स, ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर - टैक्स रियाज़ थिंगना का कहना है कि कैसे जटिल भाषा और लंबे वाक्य व्याख्या में अस्पष्टता पैदा करते हैं। क्रॉस-रेफ़रिंग अनुभागों को संदर्भित करना और पढ़ना कठिन हो जाता है। अनेक प्रावधानों और स्पष्टीकरणों ने विभिन्न व्याख्याओं का दायरा बढ़ा दिया है। क़ानून में अनावश्यक धाराएं अभी भी मौजूद हैं।
"इन सभी मुद्दों के साथ, आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता को कम नहीं किया जा सकता है, और वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2024 में घोषणा की थी कि यह अभ्यास किया जा रहा है और कार्यान्वयन के लिए छह महीने का एक बहुत बड़ा लक्ष्य रखा गया है।" विभिन्न हितधारकों से इनपुट मांगे गए थे और अक्टूबर 2024 तक 6,500 से अधिक इनपुट प्राप्त हो चुके थे।
सोमवार (10 फरवरी 2025) को लोकसभा की कार्यवाही रात 9 बजे तक चली, जबकि राज्यसभा की कार्यवाही रात 8 बजे तक चली। दोनों सदनों की कार्यवाही आज भी दो घंटे अतिरिक्त चलेगी। इसका उद्देश्य बजट 2025 पर चल रही चर्चा को पूरा करना है।
नए आयकर विधेयक को लेकर हर किसी के मन में लाख टके का सवाल है कि क्या इससे करदाताओं को कोई राहत मिलेगी। वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, नया बिल नियमित टैक्सपेयर्स के लिए समझना और समझाना निश्चित रूप से आसान होने वाला है। भाषा सरल और स्पष्ट होगी और यहां तक कि मूल संस्करण की लंबाई भी कम कर दी गई है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर केंद्रीय बजट में पश्चिम बंगाल की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि 2026 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 30 सीट भी नहीं मिलेंगी।
उन्होंने लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह मांग भी उठाई कि प्रयागराज महाकुंभ की व्यवस्था से जुड़ी शिकायतों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि बजट किस तरह का है इसका असर शेयर बाजार में देखा जा सकता है जहां भारी गिरावट है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस बजट में पश्चिम बंगाल की उपेक्षा की गई है। बनर्जी ने कहा कि लोग इस तरह से नजरअंदाज किए जाने का जवाब देंगे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा को (प. बंगाल विस चुनाव में) 30 सीटें भी नहीं मिलेगी और उनका नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बन सकेगा।’’ बनर्जी ने कहा कि आज महिलाओं का भविष्य खतरे में है, तलाक के मामले बढ़ गए हैं। उनका कहना था कि इस तरह की तलाकशुदा महिलाओं की आजीविका के लिए कुछ करना होगा। (भाषा)
संसद के उच्च संदन में पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने सोमवार को उच्च सदन में बजट चर्चा के दौरान क्या-कुछ कहा...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार (7 फरवरी) को इस विधेयक को मंजूरी दे दी। इसकी शुरूआत के बाद, अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में लौटने से पहले एक संसदीय स्थायी समिति इसकी समीक्षा करेगी। यह विधेयक छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लोकसभा में बजट 2025 पर जवाब देंगी।
नया इनकम टैक्स बिल को राज्यसभा में पेश होने के बाद, लोकसभा में पेश किया जाएगा। उसके बाद, बिल को समीक्षा के लिए एक समिति के पास भेजा जाएगा। एक बार जब वे समीक्षा कर लेंगे, तो इसे आगे की चर्चा और विचार के लिए कैबिनेट में वापस भेजा जाएगा।
वित्त मंत्री सीतारमण की आखिरी घोषणा के अनुसार, नया आईटी बिल इस सप्ताह संसद में पेश किए जाने की संभावना है। हालांकि तारीख और समय के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन संभावना है कि वित्त मंत्री आज लोकसभा में विधेयक पेश करेंगी।
केंद्रीय बजट 2025 ने वेतनभोगी व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों और घर मालिकों के लिए टैक्स से जुड़ी बड़ी राहतों का ऐलान किया। न्यू टैक्स रिजीम के तहत जीरो टैक्स स्लैब को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दिया गया है, जिससे जरिए वर्ग के करदाताओं को लाभ होगा।
विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच लोकसभा दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
राज्यसभा अब दोपहर 2:00 बजे के बाद केंद्रीय बजट 2025 पर चर्चा करेगी। बजट पर बहस पूरी करने के लिए सदन आज और मंगलवार को दो घंटे अतिरिक्त बैठेगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाने के बारे में बात करते हुए कहा कि एंटी-डंपिंग शुल्क को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार मामले-दर-मामले आधार पर उनकी समीक्षा करेगी ताकि व्यापार सुरक्षा और निवेश-अनुकूल नीतियों के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके।
डीएमके सांसद कनिमोझी ने बड़े पैमाने पर सोने की नीलामी को लेकर संसद में सवाल उठाए। सवाल का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि नीलामी एक कड़ी प्रक्रिया का पालन करते हुए की जाती है। वित्त राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि आरबीआई ने सभी को अपने सोने के पोर्टफोलियो पर नज़र रखने का निर्देश दिया था।
नए इनकम टैक्स को लेकर खबरे हैं कि यह बिल मौजूदा आयकर विधेयक से 50 प्रतिशत छोटा होगा। ताकि टैक्सपेयर्स आसानी से इसे समझ सकें। इसके अलावा इसकी भाषा को भी ज्यादा यूजर-फ्रेंडली बनाया जा रहा है ताकि टैक्स से जुड़ी कानूनी जटिलताओं को कम किया जा सके।
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि नया इनकम टैक्स बिल नए टैक्सों को जोड़ने के बजाय सरलीकरण और आधुनिकीकरण पर ध्यान देकर भारत के टैक्सेशन सिस्टम को महत्वपूर्ण तौर पर बदल देगा। हालांकि, पूर्ण विवरण अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि विधेयक कानूनी जटिलताओं को कम करेगा, अनुपालन को आसान बनाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि कर कानून करदाताओं के लिए अधिक समझने योग्य हों।
वित्त मंत्री ने अपने बजट 2025 भाषण में नए आयकर विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा था कि यह टैक्सपेयर्स के लिए आसान, सीधा और समझने योग्य होगा। उन्होंने बजट सत्र के दौरान संसद में नया बिल पेश किए जाने की पुष्टि की और कहा कि एक बार प्रभावी होने के बाद, नया बिल कानूनी विवादों को कम कर देगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कहा था कि नए आयकर विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद संसद के दोनों सदनों में पेश करना होगा। फिर इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे आगे की चर्चा के लिए कैबिनेट के पास वापस भेजा जाएगा।
4 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
4 लाख से 8 लाख तक की आय पर 5% टैक्स।
8 लाख से 12 लाख तक की आय पर 10% टैक्स।
12 लाख से 16 लाख तक की आय पर 15% टैक्स।
16 लाख से 20 लाख तक की आय पर 20% टैक्स।
20 लाख से 24 लाख तक की आय पर 25% टैक्स।
24 लाख से ऊपर की आय पर 30% टैक्स।
बजट 2025 ने नई कर व्यवस्था (new tax regime) के तहत ₹12 लाख तक की आय को प्रभावी रूप से टैक्स फ्री कर दिया है। वित्त मंत्री ने नो-टैक्स सीमा को ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख कर दिया और संशोधित टैक्स स्लैब पेश किए।
केंद्रीय बजट 2025 ने टैक्सपेयर्स के लिए प्रासंगिक एसेसमेंट ईयर के बाद अपडेटेड आयकर रिटर्न (आईटीआर-यू) दाखिल करने का समय दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया है। इससे टैक्सपेयर्स को अपनी गलतियां सुधारने, अपनी छूटी हुई आय की रिपोर्ट करने और कर नियमों का पालन करने के लिए अधिक समय मिलता है।
कहा जा रहा है कि नया इनकम टैक्स बिल, 1961 के आयकर अधिनियम (1961 Income Tax Act की जगह लेगा। नए विधेयक का मकसद टैक्स कानूनों को सरल बनाना और इससे जुड़े भ्रम को खत्म करना है। सरकार की योजना नए बिल की लंबाई आधी करने और सरल भाषा का इस्तेमाल करने की है, जिससे टैक्सपेयर्स को अपने कर कर्तव्यों के बारे में जानकारी स्पष्ट हो जाएगी। इससे कानूनी विवाद कम होने चाहिए और विवादित कर मांगों में कमी आनी चाहिए। यह अनावश्यक अनुभागों को हटा देगा और स्पष्ट भाषा पर ध्यान केंद्रित करेगा जिसे लोग विशेषज्ञ कर सहायता की आवश्यकता के बिना समझ सकें।