बीते शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने जनवरी से मार्च तक के तिमाही नतीजे जारी किए थे। इस नतीजों में रिलायंस इंडस्ट्रीज को फायदा हुआ है।
हालांकि, सोमवार को जब शेयर बाजार में कारोबार हुआ तो यहां रिलायंस के शेयर में बिकवाली देखने को मिली। कारोबार के अंत में रिलायंस का शेयर भाव 1.76 फीसदी लुढ़क कर 1960 रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं, मार्केट कैपिटल की बात करें तो 12,42,055 करोड़ रुपये पर रहा। इससे पहले शुक्रवार को मार्केट कैपिटल 12,64,369.99 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। इस लिहाज से करीब 22 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
रिलायंस को हुआ बड़ा मुनाफा: आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को जारी नतीजों में बताया गया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा दोगुना से अधिक बढ़कर 13,227 करोड़ रुपये पहुंच गया है। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी को 6,348 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। इस दौरान रिलायंस की आय 13.6 प्रतिशत बढ़कर 1,72,095 करोड़ रुपये रही।
पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का शुद्ध लाभ करीब 35 प्रतिशत बढ़कर 53,739 करोड़ रुपये रहा जबकि आय 18.3 प्रतिशत बढ़कर 5,39,238 करोड़ रुपये रही। (ये पढ़ें-मुकेश अंबानी से ज्यादा है इन दो भाइयों की सैलरी, रिलायंस में मिली है बड़ी जिम्मेदारी)
शेयर बाजार का हाल: इस बीच, सोमवार को तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स एक समय 750 अंक से अधिक लुढ़क गया था। लेकिन बाद में इसमें सुधार आया और अंत में यह 63.84 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,718.52 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी इसी प्रकार का उतार-चढ़ाव आया और अंत में यह 3.05 अंक यानी 0.02 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 14,634.15 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में टाइटन को सर्वाधिक 4 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक बैंक, ओएनजीसी, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक भी गिरावट रही। दूसरी तरफ, भारती एयरटेल, एचयूएल, मारुति, बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स और एनटीपीसी आदि शेयर लाभ में रहे।
क्या है वजह: वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बावजूद शेयर बाजार दिन के न्यूनतम स्तर से ऊपर आया। बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) की ऋण वसूली और संपत्ति गुणवत्ता को लेकर चिंता से वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दबाव रहा।
एक तरफ देश में लगातार कोविड संक्रमण के ममले ऊंचा बने रहने से निवेशकों की धारणा पर असर पड़ रहा है। दूसरी तरफ कंपनियो के बेहतर तिमाही परिणाम के साथ सकारात्मक प्रबंधन टिप्पणियों से बाजार को समर्थन मिल रहा है। (ये पढ़ें-इस कंपनी को हो गया 500 करोड़ का बड़ा नुकसान, मुकेश अंबानी ने लगाया है दांव)