रेलवे ने पिछले तीन महीनों में प्रॉपर्टी के ई-ऑक्शन से 844 करोड़ रुपए की कमाई की है। इससे रेलवे की आय में बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस ई-ऑक्शन के दौरान भारतीय रेलवे की ओर से 1,200 कॉन्ट्रैक्ट जारी किए गए हैं, जिसमें 8500 संपत्तियों की सेल शामिल है। इस ऑनलाइन नीलामी में पार्किंग स्थल, पार्सल स्थान पट्टे पर देने और भुगतान, के अलावा विज्ञापने के लिए ऑक्शन आदि जैसी चीजों को रखा गया है।
छोटे उद्यमियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जून में वाणिज्यिक आय के लिए ई-नीलामी शुरू की थी। बोली प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण, भारतीय रेलवे में किसी भी ई-नीलामी में रजिस्टर्ड और भागीदारी के लिए बोलीदाताओं और आवेदकों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। साथ ही रेल मंत्रालय ने पात्रता मानदंड में ढील दी है।
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस ई-नीलामी पोर्टल ने रेलवे की आय में वृद्धि की है और संपत्ति के सही प्राइज मिलने में भी मदद की है। ई-नीलामी पोर्टल के बनने के बाद से नीलामी आयोजित की गई है और 1,200 कॉन्ट्रैक्ट जारी किए गए हैं, जिसमें 8,500 संपत्तियां शामिल हैं। दिए किए गए कॉन्ट्रैक्टों का कुल प्राइज 844 करोड़ रुपए है।
राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने कहा कि इसमें से सबसे अधिक आमदनी स्टेशन-परिसंचारी क्षेत्रों और कोचों पर विज्ञापन से हुई है, जिसने 155 करोड़ रुपए के 375 कॉन्ट्रैक्टों को अंतिम रूप दिया है। वहीं 226 करोड़ रुपए में पार्किंग स्थल के लिए 374 कॉन्ट्रैक्ट, 385 करोड़ के लिए पार्सल स्पेस पट्टे पर देने के लिए 235 अनुबंध दिया गया है। इसके अलावा 78 करोड़ रुपए की आमदनी केवल पे-एंड-यूज शौचालय से हुई है।
ई-नीलामी प्लेटफॉर्म पर अब तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाला बेंगलुरु डिवीजन रहा है, जिसने पार्सल वैन को पट्टे पर देने के अनुबंध की नीलामी के लिए 34.52 करोड़ रुपए की कमाई की है। पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल ने अब तक ई-नीलामी के माध्यम से 73.3 करोड़ रुपए की राजस्व क्षमता के साथ 53 संपत्तियों पर ठेके दिए हैं।