Tingo Group Share: अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने इसी साल जनवरी में अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा था। हिंडनबर्ग ने एक और कंपनी को अपना शिकार बनाया है। इस बार उसका निशाना नाइजीरिया की कंपनी टिंगो बनी है। इस रिपोर्ट में टिंगो ग्रुप पर भी कुछ उसी तरह के आरोप लगे हैं जैसे अडानी ग्रुप पर लगाए गए थे। रिपोर्ट सामने आने के एक ही दिन में कंपनी को बड़ा झटका लगा है। कंपनी के शेयरों में 80 फीसदी से अधिक की गिरावट देखने को मिली है।

क्या करती है कंपनी?

टिंगो ग्रुप नाइजीरिया की कंपनी है। यह एक ग्रीन फिनटेक कंपनी है। कंपनी का कारोबार अफ्रीका, साउथ-ईस्ट एशिया और मिडल ईस्ट में है। इसके फाउंडर डोजी मोंबोसी (Dozy Mmobuosi) ने नाइजीरिया का पहला मोबाइल पेमेंट ऐप बनाने का दावा किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जब उसने हकीकत में इस ऐप को बनाने वाले से संपर्क किया और उसने डोजी मोंबोसी के दावों को गलत बताया। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में टिंगो ग्रुप के फाइनेंशियल्स पर सवाल उठाते हुए उसे स्कैम करार दिया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद बाद कंपनी के शेयरों में 80.73 फीसदी की गिरावट आई है।

मोबाइल कारोबार को लेकर उठे सवाल?

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी के मोबाइल कारोबार को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं। टिंगो ने रिपोर्ट में कहा कि उसके मोबाइल हैंडसेट और डेटा कारोबार से 128 मिलियन डॉलर का काबोरार किया है। टिंगो का कहना है कि कंपनी नाइजीरिया में वह एयरटेल के साथ मिलकर सेवाएं दे रही है। उधर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जब उसने इस बारे में अफ्रीका एयरटेल से संपर्क किया तो उसने कंपनी के दावे के सिरे से खारिज कर दिया। एयरटेल ने साफ कर दिया कि उसका नाइजीरिया में टिंगो मोबाइल के साथ किसी भी तरह का कारोबार नहीं है।

अडानी ग्रुप को हुआ था बड़ा नुकसान

बता दें कि इसी साल 23 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट पेश की थी। इसमें कंपनी के बड़ा झटका लगा था। गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में 20वें नंबर से भी बाहर हो गए थे। कंपनी से सभी शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। विपक्षी ने भी इस मामले को लेकर जेपीसी जांच की मांग की। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी भी गठित की गई है। कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें अडानी ग्रुप पर प्रथमदृष्टया इन आरोपों को बेबुनिया बताया गया है।