GST Council Meeting 2025: जीएसटी 2.0 का इंतजार खत्म हो गया है और 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से सैकड़ों वस्तुओं और सेवाओं पर नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरें लागू होंगी। हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि तंबाकू और उससे संबंधित उत्पाद मौजूदा सिस्टम के तहत ही चलते रहेंगे, उस पर अतिरिक्त उपकर (cess) भी जारी रहेगा। ऐसा तब तक रहेगा जब कि कोरोना महामारी के सालों में राज्यों के राजस्व की कमी की भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा लिया गया कर्ज पूरी तरह चुका नहीं दिया जाता।
बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, ‘पान मसाला, सिगरेट, गुटखा और दूसरे तंबाकू उत्पाद जैसे खैनी, जर्दा, कच्ची तंबाकू और बीड़ी पर मौजूदा जीएसटी दरें और अतिरिक्त cess लागू रहेगा, जहां लागू हो, जब तक कि मुआवजा उपकर (compensation cess) अकाउंट के तहत लोन और ब्याज भुगतान पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाते।’
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उन्होंने आगे कहा कि कर्ज चुकाने के बाद किसी तरह का कोई सेस (Cess) नहीं होगा और जिन सामानों पर सेस लगता है उन पर 40 प्रतिशत का स्पेशल जीएसटी लगाया जाएगा।
हालांकि सीतारमण ने यह नहीं बताया कि लोन का भुगतान कब किया जाएगा, उन्हें उम्मीद है कि यह “इस कैलेंडर वर्ष के भीतर” हो जाएगा। जीएसटी परिषद ने वित्त मंत्री को ऋण चुकाने के तुरंत बाद सेस कलेक्ट करना, बंद करने के लिए भी अधिकृत किया है।
‘कांग्रेस को सस्ता गुटखा चाहिए?’
ब्रीफिंग में जब सीतारमण से यह सवाल किया गया कि विपक्ष के कुछ नेता 40 फीसदी टैक्स स्लैब पर सवाल उठा रहे हैं। तो इस पर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘क्या कांग्रेस पार्टी चाहती है कि तंबाकू और गुटखा पर सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लगे? मैं इसे नहीं समझ पा रही हूं। उनके कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी को लगता था कि GST लागू करना इसलिए असंभव है क्योंकि राज्यों को केंद्र सरकार पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे इसे लागू नहीं कर पाए थे।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मैं कांग्रेस के लिए किस शब्द का इस्तेमाल करूं, उन्हें पहले अपना मन बना लेना चाहिए कि वे इसका समर्थन करना चाहते हैं या विरोध।’
GST 2.0 में सिर्फ दो टैक्स स्लैब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने आम आदमी से जुड़े रोजमर्रा के सामान जैसे तेल, साबुन, साइकिल, आम, अमरूद, घी, मक्खन और टूथपेस्ट पर जीएसटी को 5 प्रतिशत कर दिया।
वहीं 33 जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी शून्य कर दिया गया। छेना, पनीर रोटी और पराठा, खाकरा पर अब किसी तरह का कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वहीं हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी जीएसटी से छूट दी गई है।
कोविड-19 के समय केंद्र सरकार ने लिया था लोन
केंद्र सरकार ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये बतौर बैक-टू-बैक लोन लिया था, ताकि उपकर (Cess) संग्रह में आई कमी को आंशिक रूप से पूरा किया जा सके। 2025-26 के केंद्रीय बजट के अनुसार, सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में 1.67 लाख करोड़ रुपये मुआवजा उपकर से मिलने की उम्मीद है। इनमें से 67,500 करोड़ रुपये इन बैक-टू-बैक लोन की अदायगी के लिए निर्धारित किए गए हैं।
बजट दस्तावेजों के अनुसार, इससे पहले 2023-24 में 78,104 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1.24 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
आपको बता दें कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 5 और 18 प्रतिशत के दो टैक्स स्लैब को मंजूरी दी गई है। जीएसटी सुधारों को वित्त मंत्री ने ‘आम आदमी पर ध्यान’ देने वाला बताया।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीएसटी दर में कटौती के जीडीपी पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा कि अभी कोई कैलकुलेशन करना जल्दबाजी होगी।