दिल्ली कांग्रेस केंद्रीय बजट में कर्मचारी भविष्य निधि(ईपीएफ) में हुए बदलाव को वापस करवाने की मांग पर 7 मार्च को संसद के बाहर विभिन्न कर्मचारियों के संगठनों के हजारों कर्मचारियों के साथ जंतर-मंतर से लेकर संसद भवन तक प्रदर्शन करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय बजट में कर्मचारियों की भविष्य निधि में प्रस्तावित बदलावों को कर्मचारी विरोधी बताते हुए उसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि देश के लगभग 6 करोड़ कर्मचारियों के भविष्य के साथ केंद्र की भाजपा सरकार खेल रही है।
अजय माकन ने कहा कि संसद के दोनो सदनों ने कमर्चारी भविष्य निधि व अन्य कानून पास किए थे जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि जिस समय कोई भी कमर्चारी एक तय उम्र पर सेवानिवृत होगा जबकि वतर्मान में यह उम्र 60 वर्ष है, एक कमर्चारी 54 वर्ष की उम्र में कमर्चारी भविष्य निधि में जमा हुई राशि का 60 फीसद निकालता था जिसमें कि उसकी सेवा के कायर्काल के दौरान प्रति माह 12 फीसद कर्मचारी और 12 फीसद का योगदान मालिक का होता था।
माकन ने कहा कि सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले पैसों को कर्मचारी अपने परिवार को स्थापित करने पर खर्च करता है। माकन ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि मोदी सकार ने ईपीएफ के 60 फीसद पर कर लगाने का निर्णय लिया है, जो कर्मचारियों के अधिकारों का सीधा-सीधा हनन है।
माकन ने आरोप लगाया कि यह सरकार सीधे-सीधे बीमा कम्पनियों जिसमें मुख्य रूप से निजी बीमा कम्पनियां शामिल हैं उनकोे फायदा पहुंचाना चाहती है। पहले कानून के हिसाब से कोई भी कर्मचारी अपनी 54 साल की उम्र में कर्मचारी भविष्य निधि में से 90 फीसद की राशि निकाल सकता था लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस उम्र सीमा को बढ़ाकर 57 साल करने का प्रस्ताव रखा है।