देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी एयरटेल को फाइनेंशल ईयर 2020 में 32,183.2 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। दरअसल सरकार की बकाया राशि चुकाने और लागत में इजाफा होने के चलते कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है। इससे पहले 2019 में कंपनी को 409.5 करो़ड़ का प्रॉफिट हुआ था। कंपनी की कुल आय में फाइनेंशल ईयर 2020 में 8.36 फीसदी का इजाफा हुआ है और कुल 87,539 रुपये का रेवेन्यू जुटाया है। इसके मुकाबले 80,780.2 करोड़ रुपये की कमाई कंपनी को फाइनेंशल ईयर 2019 में हुई थी।
31 मार्च को समाप्त हुई 2020 की चौथी तिमाही में कंपनी को 5,237 करोड़ रुपये का नेट लॉस उठाना पड़ा है। इसके मुकाबले 2019 में कंपनी को 107.2 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। इस लिहाज से देखें तो 2019 के मुकाबले कंपनी को 2020 में बड़े नुकसान से गुजरना पड़ा है। मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी को 7,004 करोड़ रुपये का भुगतान वन-टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज के तौर पर भी उठाना पड़ा है। भारती एयरटेल के रेवेन्यू में मार्च तिमाही में 15 पर्सेंट का इजाफा देखने को मिला है और उसे कुल 23,723 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है।
भारत में कंपनी के कारोबार की बात करें तो उसे इससे 17,438.3 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो बीते साल के मुकाबले 14.4 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2019 की आखिरी तिमाही में कंपनी को 15,240.8 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ था। कंपनी के एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर भी मार्च तिमाही में बढ़कर 154 करोड़ रुपये हो गया है। इससे पहले 2019 में मार्च तिमाही में यह 123 करोड़ रुपये हो गया था।
गौरतलब है कि 2016 में जियो की लॉन्चिंग के बाद से ही एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों को लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है। इसी संकट के चलते आइडिया और वोडाफोन ने आपस में विलय कर लिया था। हालांकि इसके बाद भी वोडाफोन की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं और कंपनी अब भी लगातार घाटे के दौर से गुजर रही है।
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