यूनाइटेड अरब अमीरात के ऊर्जा मंत्री के ने कहा कि उनका देश अपनी क्षमता के करीब उत्पादन कर रहा है जिसके बाद मंगलवार को कच्चे तेल बाजार में 1 फ़ीसदी तक की तेजी देखी गई। वहीं यूरोपीय देशों को रूस से कम कच्चे तेल की आपूर्ति को देखते हुए दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक (organisation of petroleum exporting countries) में यूएई और सऊदी अरब ही दो ऐसे देशों के रूप में देखा जा रहा है जो इस कमी को पूरा कर सकते हैं।
मंगलवार को यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड CLc1 फ्यूचर्स में 1.07 डॉलर या 1 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पिछले दिन इसमें 1.8 फीसदी की तेजी हुई थी। ब्रेंट क्रूड LCOc1 फ्यूचर्स 1.08 डॉलर या 0.9 फीसदी की वृद्धि के साथ 116.17 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई जबकि पिछले दिन इसमें 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
यूएई के ऊर्जा मंत्री सुहैल अल-मजरूई ने सोमवार को कहा कि ओपेक और उसके सहयोगियों के साथ समझौते के तहत यूएई 3.168 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) के अपने कोटे के आधार पर अधिकतम उत्पादन कर रहा है। यूएई के उर्जा मंत्री की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब जी 7 देशों की बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मुलाकात के वक्त कहा था कि यूएई अपनी अधिकतम क्षमता पर उत्पादन कर रहा है अब केवल सऊदी अरब यह एक ऐसा देश है जो 1.5 लाख बैरल प्रतिदिन तक अपना उत्पादन बढ़ा सकता है।
वैश्विक तेल आपूर्ति में आ सकती है कमी: जानकारों का कहना है कि इक्वाडोर में अशांति और लीबिया में तेल उत्पादन में आ रही बाधाओं के कारण आने वाले समय में वैश्विक तेल आपूर्ति में कमी आ सकती है। इक्वाडोर के ऊर्जा मंत्री ने तेल आपूर्ति को लेकर कहा है कि सरकार विरोधी आंदोलनों के कारण हम अगले दो दिनों में तेल उत्पादन को बंद कर रहे हैं। इक्वाडोर लगभग 5.2 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है।
क्या होगा पेट्रोल- डीजल की कीमत पर असर?: फिलहाल कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का असर भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतों में नहीं दिखा है। देश की राजधानी दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल के दाम 96.72 रुपए जबकि डीजल 89.62 रुपए प्रति लीटर में मिल रहा है।