7th Pay Commission: केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की सैलरी, भत्ते और अन्य सुविधाओं में बदलाव की सिफारिश करने के लिए साल 1986 से हर 10 वर्ष में वेतन आयोग का गठन किया है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग का गठन 10 वर्ष पहले किया गया था। इस वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त होगा। 7वें वेतन आयोग के तहत सुझाए गए कई अन्य उपायों में से एक सरकारी कर्मचारियों के लिए House Building Advance (HBA) में वृद्धि भी शामिल था।

नियम के मुताबिक, केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी घर खरीदने या बनवाने के लिए HBA ले सकता है। लोन की अधिकतम राशि 34 महीने के बेसिक पे के बराबर होनी चाहिए, जो अधिकतम 25 लाख रुपये तक हो सकती है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ब्याज दर 7.44% है।

लेकिन मौजूदा रियल एस्टेट मार्केट को देखते हुए, यह राशि अब कई कर्मचारियों के लिए मामूली लगने लगी है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग से इस सीमा को बढ़ाने की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।

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पहले ही केंद्र ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी है और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) – जो प्रमुख रुप से भत्ते के साथ सैलरी और पेंशन बढ़ोतरी पर केंद्रित होगा – जल्द ही सभी हितधारकों को पता चलने की उम्मीद है।

जहां तक ​​25 लाख रुपये के HBA की बात है, तो इसे 7वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया था, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह राशि अब कर्मचारियों के लिए घर खरीदने या निर्माण करने के लिए पर्याप्त है।

जनवरी 2016 में 7वें वेतन आयोग को लागू हुए अब 9 साल से अधिक हो चुके हैं। इस दौरान देश में महंगाई औसतन 5 से 6 फीसदी सालाना की दर से बढ़ी है। ऐसे में, आज घर खरीदना या बनवाना पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो गया है।

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8th Pay Commission: केवल सैलरी नहीं, सुविधाओं में भी होना चाहिए इजाफा

8वें वेतन आयोग को लेकर सरकारी हलकों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। उम्मीद है कि इस आयोग को 2026 के मध्य से लागू किया जा सकता है। हालांकि, 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को प्रमुख रूप से जनवरी 2026 से लागू किया जाना है। लागू होने के बाद, 1.2 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

अभी तक चर्चा केवल सैलरी और फिटमेंट फैक्टर तक ही सीमित रही है, लेकिन वेतन आयोग सिर्फ वेतन बढ़ाने का जरिया नहीं है। यह कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के दौरान दी जाने वाली सुविधाओं और भत्तों की समीक्षा करने का भी एक बड़ा मौका है।

आसमान छू रही हैं घरों की कीमतें: क्या 25 लाख रुपये काफी हैं?

आज अगर कोई कर्मचारी मुंबई, दिल्ली या बेंगलुरु जैसे महानगरों में घर खरीदना चाहता है, तो उसे 1 करोड़ रुपये भी छोटा बजट लगने लगता है। जयपुर, लखनऊ, भोपाल, पटना जैसे टियर-2 शहरों में भी 50 लाख रुपये से कम में अच्छा घर खरीदना मुश्किल है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब घरों की कीमतें दोगुनी या तिगुनी हो गई हैं, तो एडवांस लिमिट वही क्यों है?

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, 2008 में छठे वेतन आयोग के तहत HBA की लिमिट 7.5 लाख रुपये थी। 7वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया। अब जब महंगाई ने एक बार फिर घर खरीदना और रहना चुनौतीपूर्ण बना दिया है, तो उम्मीद है कि 8वां वेतन आयोग इसे बढ़ाकर कम से कम 40-50 लाख रुपये कर सकता है।