केंद्र सरकार के बाद यूपी और तमिलनाडु जैसे राज्यों की ओर से सरकारी कर्मचारियों के डीए पर रोक लगाने के बाद अब कर्नाटक ने भी महंगाई भत्ते में इजाफे पर रोक लगा दी है। कोरोना वायरस के संकट के मद्देनजर बीएस येदियुरप्पा की लीडरशिप वाली सरकार ने राज्य कर्मचारियों को जनवरी, 2020 से बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान को रोक दिया है। इससे सूबे के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने मंगलवार की शाम को यह फैसला लिया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने जनवरी, 2020 से बढ़े हुए महंगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी थी। यही नहीं अगले साल जुलाई तक बढ़ोतरी न किए जाने की भी बात केंद्र सरकार ने कही है।

कर्नाटक सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य कर्मचारियों को जनवरी, 2020 से अब तक के एरियर के साथ मिलने वाले बढ़े हुए भत्ते के भुगतान पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जुलाई, 2020 और जनवरी 2021 में भी बढ़े हुए डीए को लेकर अगले आदेश तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। हालांकि राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब तक मिलता रहा महंगाई भत्ता पहले की तरह ही जारी रहेगा।

राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के सरकारी कर्मचारी, जिला पंचायत के कर्मचारी और सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में कार्यरत अध्यापक सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। यही नहीं कर्नाटक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी वेलफेयर ऐक्ट, 2012 के तहक काम करने वाले कर्मचारी भी इस दायरे में आएंगे। आदेश के मुताबिक सरकारी निगमों, स्थानीय निकायों और राज्य सरकार के स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों पर भी यह फैसला लागू होगा।

बता दें कि केंद्र सरकार को डीए में इजाफे पर रोक से साल भर में 35,000 करोड़ रुपये तक की बचत होने का अनुमान है। राज्य सरकार के फैसले के बाद से तेलंगाना, केरल, यूपी, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में सैलरी कट से लेकर बढ़े हुए डीए के भुगतान पर रोक जैसे कई फैसले हुए हैं।

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