7th Pay Commission latest news in hindi: केंद्र सरकार की ओर से अपने करीब 1.5 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों के डीए पर जुलाई 2021 तक रोक लगाने के बाद राज्यों में भी इसका असर दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कर्मचारियों के डीए में इजाफे पर जून 2021 तक के लिए रोक लगा दी है। इससे सूबे के कुल 16 लाख राज्यकर्मियों, 3 लाख अध्यपाकों पर असर पड़ेगा। इसके अलावा 12 लाख पेंशनर भी इस फैसले से प्रभावित होंगे। यही नहीं योगी सरकार ने डीए के अलावा 5 अन्य भत्तों पर भी रोक लगाई है। आइए जानते हैं, केंद्र और यूपी के अलावा किन राज्यों में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर चली है कैंची…
मध्य प्रदेश में DA में इजाफे का फैसला वापस: मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने के कमलनाथ सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। कमलनाथ सरकार ने सरकार गिरने से पहले 16 मार्च को महंगाई भत्ते में 5 फीसदी इजाफे का फैसला लिया था। अब शिवराद सरकार ने यह कहते हुए रोक लगा दी है कि फिलहाल सरकार की प्राथमिकता कोरोना से जंग लड़ना है और उसके लिए संसाधनों की जरूरत है।
तेलंगाना ने लिया था सबसे पहले फैसला: तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने सूबे में सैलरी में 10 से 75 फीसदी तक की कटौती का फैसला लिया है। सीएम, राज्य कैबिनेट, विधायकों की सैलरी में 75 फीसदी की कटौती की गई है। इसके अलावा आईएएस अधिकारियों एवं अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों की सैलरी में 60 फीसदी का कट लगाया गया है। अन्य श्रेणियों के कर्मियों की सैलरी में 50 पर्सेंट और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सैलरी में 10 फीसदी की कटौती हुई है।
केरल में कटेगी एक महीने की सैलरी: केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में मई से सितंबर तक हर महीने 6 दिन की कटौती का फैसला लिया है। इस तरह से 5 महीने में एक महीने की सैलरी एक तरह से काट ली जाएगी। राज्य सरकार का यह फैसला सरकारी डॉक्टरों और नर्सों पर भी लागू होगा, जो कोरोना के संकट में आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात हैं। सूबे के सीएम पिनराई विजयन ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि 20,000 रुपये महीने से कम की सैलरी पाने वाले लोगों पर यह फैसला लागू नहीं होगा।
गुजरात में विधायकों की सैलरी में 30 फीसदी कटौती: पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में सरकार ने सीएम, कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती का फैसला लिया है। यह कटौती एक साल तक जारी रहेगी। सरकार का तर्क है कि कोरोना से जंग के लिए फंड की व्यवस्था करने के मकसद से यह निर्णय हुआ है।
महाराष्ट्र में भी कटौती की चर्चा: शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र में भी कर्मचारियों के डीए में इजाफे पर रोक लग सकती है। देश के अमीर राज्यों में से एक महाराष्ट्र कोरोना के संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक कोरोना के 7,000 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं।
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