एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो बतौर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शुरुआत बेहद खराब रहेगी। गुजरात और हिमाचल, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की हार बताई जा रही है। राहुल गांधी ने गुजरात में काफी दम लगाया। उन्होंने 30 जनसभाएं की और 12 मंदिरों का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे थोड़ी ज्यादा (34) जनसभाएं कीं। पर एग्जिट पोल के मुताबिक दोनों दलों को मिलने वाली सीटों में भारी अंतर रहेगा। इंडिया टुडे-एक्सिस एग्जिट पोल के मुताबिक हिमाचल में भाजपा तीन-चौथाई बहुमत से सरकार बनाएगी, जबकि गुजरात में भी वह बहुमत से कहीं ज्यादा सीटें पाने जा रही है। लगभग सभी टीवी चैनलों पर आने वाले एग्जिट पोल के नतीजे बीजेपी की जीत ही बता रहे हैं। टाइम्स नाउ ने बीजेपी को हिमाचल में 68 में से 51 सीटें दी हैं।
एग्जिट पोल के नतीजे अगर सही साबित हुए तो राहुल गांधी के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को पुनर्जीवित करना आसान नहीं रह जाएगा। लगातार हार का मतलब राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की पहचान कमजोर होता जाना है। कांग्रेस की हार इस मायने में भी राहुल के लिए चुनौती होगी कि उनकी पार्टी जैसे-जैसे सिकुड़ रही है, वैसे-वैसे भाजपा फैल रही है। पूर्वी भारत में भाजपा ने पांव रख दिए हैं। अब दक्षिण भारत में भी चुनाव होने हैं। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कुछ और राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे। उन राज्यों में कांग्रेसियों का मनोबल ऊपर उठाना राहुल की बड़ी चुनौती होगी।
एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होने के मायने यह हैं कि नरेंद्र मोदी की आभा अभी उतनी कमजोर नहीं पड़ी है कि 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर हो सके। फौरी तौर पर यह भी साबित होगा जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कह कर जितने बड़े पैमाने पर कांग्रेस ने विरोध किया, जनता उसे गंभीरता से नहीं ले रही। माना जाएगा कि कम से कम गुजरात में ऐसा ही है। ऐसे में राहुल को भाजपा का विरोध करने के लिए नए मुद्दों और तरीकों के बारे में सोचना होगा।
राहुल के लिए एक चुनौती पार्टी पर पकड़ बनाए रखने की होगी। शहजाद पूनावाला ने अध्यक्ष बनने से पहले ही उनके खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। असंतुष्ट नेताओं की फौज कांग्रेस में पड़ी है। यह फौज बगावत कर सकती है। गांधी परिवार में फिलहाल ऐसा कोई नहीं है जो राहुल के फेल होने पर कमान संभाल सकता है। परिवार के बाहर उस कद का कोई नेता नहीं दिख रहा। ऐसे में कांग्रेस को टूट का खतरा भी झेलना पड़ सकता है।