दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले राजनेताओं में अग्रणी हैं। मुद्दा कोई भी हो, केजरीवाल अपनी राय जाहिर करने से नहीं चूकते। कभी फिल्‍मों के रिव्‍यू करते हैं तो कभी दर्शनशास्‍त्री बन जाते हैं। उनके लिए सोशल मीडिया पर लोगों की अालोचना जनसमर्थन जुटाने का जरिया मालूम होता है। आप केजरीवाल का कोई भी ट्वीट उठाकर देख लीजिए, उसके नीचे लोग कमेंट्स में उन्‍हें गालियां देते हैं, उनका मजाक उड़ाते हैं और न जाने किन-किन विशेषणों से नवाज देते हैं, मगर केजरीवाल मदमस्‍त हाथी की तरह अपनी चाल चलते रहते हैं। भारतीय राजनीति में केजरीवाल अचानक चमके और ऐसा चमके कि दिल्‍ली चुनाव में विपक्षियों का सूपड़ा ही साफ कर डाला। अब ऐसे प्रचंड बहुमत के साथ जिम्‍मेदारी भी बड़ी आती है, तो केजरीवाल ने खुद कोई मंत्रालय न रखते हुए सारे पद अपने अधीनस्‍थ नेताओं को दे दिए। सोशल मीडिया पर अगर कोई केजरीवाल के संदेशों पर आने वाली टिप्‍पणियों को पढ़े, ताे उसमें एक शिकायत बड़ी आम है कि दिल्‍ली की जनता ने उन्‍हें Twitter पर नरेंद्र मोदी को कोसने के लिए नहीं चुना है। लोगों की भाषा भले ही गलत हो, मगर संदेश यही है क‍ि केजरीवाल कमोबेश हर दूसरे ट्वीट में पीएम मोदी का नाम लेते हैं।

एक यूजर ने बड़ा ही मजेदार संदेश केजरीवाल को ट्विटर पर लिखा है। वह लिखता है, ”मोदी जी केजरी के ट्वीटों में होते है ऐसे जैसे, मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे।” अगर आप इसे मजाक समझ रहें हैं तो गलतफहमी है आपकी, केजरीवाल पीएम मोदी के प्रति जितने हमलावर रहते हैं, उतना उन्‍होंने पूरे चुनाव में भ्रष्‍टाचार को भी नहीं कोसा होगा। बात सिर्फ इतने तक ही सीमित रहती तो गनीमत थी। केजरीवाल की रणनीति सीधे प्रधानमंत्री को निशाने पर लेने की है, क्‍योंकि वे जानते हैं कि अगर सीधे सेनापति से लोहा लिया जाए तो सेना को वैसे ही पछाड़ा जा सकता है। सोशल मीडिया पर तो केजरीवाल के बारे में ऐसा कहा जाता है कि अगर उन्‍हें छींक भी आ जाए तो वे पीएम मोदी को जिम्‍मेदार बता देंगे। केजरीवाल के पिछले एक सप्‍ताह में किए गए ट्वीट्स पर नजर डालिए तो करीब आधे ट्वीट पीएम मोदी को निशाने पर रखकर किए गए हैं। आप खुद देख लीजिए।

READ ALSO: पानी से लेकर आलू तक ये पांच चीजें कर सकती हैं आपको बीमार, खाने से पहले सोच लें

READ ALSO: मोदी, शाहरुख, सोनिया जैसे सेलिब्रिटीज को पेलेट गन का शिकार दिखाकर पाकिस्तान ने उठाया कश्मीर का मुद्दा

READ ALSO: चीनी मीडिया की भारत को धमकी, NSG का बदला लिया तो परिणाम गंभीर होंगे

मैं यह नहीं कह रहा कि केजरीवाल का मोदी को निशाना बनाना गलत है, मगर राजनैतिक प्रतिद्वंदिता की एक मर्यादा होती है। हर बात के लिए केन्‍द्र और मोदी पर ठीकरा फोड़ना गलत है। केजरीवाल को यह बात पहले से पता थी कि दिल्‍ली सरकार का पूरा कामकाज केन्‍द्र ही देखता है, उन्‍हें चुनाव लड़ने से पहले दिल्‍ली के अधिकारों की मांग करनी चाहिए थी। अब वे सरकार में हैं और चुनी हुई सरकार का किसी और सरकार पर यह आरोप लगाना कि वह उन्‍हें काम नहीं करने दे रही, एक तरह का मजाक लगता है। दिल्‍ली के कई लोगों से बातचीत में पता लगा कि उन्‍हें केजरीवाल पर भरोसा है, मगर वे भी बेवजह मोदी को कटघरे में खड़े किए जाने से खफा नजर आते हैं। उम्‍मीद है कि केजरीवाल जनता की इस भावना को समझेंगे और दिल्‍ली के विकास पर ध्‍यान देंगे।

READ ALSO: भाजपा के लिए बढ़ रही परेशानियां, कीर्ति आजाद की पत्‍नी ने कहा- हमारे साथ नाइंसाफी हुई