Maruti Suzuki के पास हैचबैक कारों की एक लंबी रेंज मौजूद है जिसमें से एक है मारुति ऑल्टो के10 (Maruti Alto K10) जिसे कंपनी ने हाल ही में नए अवतार के साथ मार्केट में उतारा है। ऑल्टो के10 को मार्केट में कम कीमत के अलावा माइलेज और डिजाइन के लिए पसंद किया जाता है।
अगर आप कम बजट में एक ज्यादा माइलेज वाली हैचबैक कार खरीदना चाहते हैं तो विकल्प के तौर पर यहां जान सकते हैं मारुति ऑल्टो के10 (Maruti Alto K10) की कंप्लीट डिटेल के साथ इसे खरीदने का लो डाउन पेमेंट वाला फाइनेंस प्लान।
Maruti Alto K10 Price
यहां मारुति ऑल्टो के बेस मॉडल की बात की जा रही है जिसकी शुरुआती कीमत 3,99,000 रुपये (एक्स शोरूम, दिल्ली) है और ये कीमत ऑन रोड होने के बाद 4,36,841 रुपये हो जाती है।
Maruti Alto K10 इंजन और ट्रांसमिशन
मारुति ऑल्टो के10 में 998 सीसी का इंजन मिलता है जिसके साथ 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन दिया गया है। यह इंजन 65.71 बीएचपी की पावर और 89 एनएम का पीक टॉर्क जनरेट करता है।
Maruti Alto K10 माइलेज कितनी है ?
मारुति सुजुकी दावा करती है कि ये ऑल्टो के10 एक लीटर पेट्रोल पर 24.39 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है और इस माइलेज को ARAI द्वारा प्रमाणित किया गया है।
Maruti Alto K10 फीचर्स क्या है ?
मारुति ऑल्टो के10 में मिलने वाले फीचर्स की बात करें तो कंपनी ने इसमें मल्टी फंक्शन स्टीयरिंग व्हील, एंड्रॉयड ऑटो और ऐपल कारप्ले की कनेक्टिविटी वाला टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम, फ्रंट सीट पर डुअल एयरबैग्स जैसे फीचर्स को दिया गया है।
Maruti Alto K10 की कंप्लीट डिटेल जानने के बाद आप इस कार को खरीदने के उस फाइनेंस प्लान के बारे में भी जान लीजिए जिसके जरिए ये कार आपको 48 हजार रुपये देकर भी मिल जाएगी।
Maruti Alto K10 फाइनेंस प्लान
अगर आपके पास 48 हजार रुपये का बजट है और आप मंथली ईएमआई भर सकते हैं तो ऑनलाइन डाउन पेमेंट और ईएमआई कैलकुलेटर के मुताबिक, बैंक इस कार के लिए 9.8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के के साथ 3,88,841 रुपये का लोन जारी कर सकता है।
Maruti Alto K10 डाउन पेमेंट और मंथली ईएमआई कितनी है ?
मारुति ऑल्टो के10 पर लोन अमाउंट जारी होने के बाद बैंक द्वारा निर्धारित की गई 5 साल की अवधि के दौरान हर महीने 8,224 रुपये की मंथली ईएमआई जमा करनी होगी।
आवश्यक सूचना: Maruti Alto K10 को फाइनेंस प्लान के जरिए खरीदने के लिए आपकी बैंकिंग और सिबिल स्कोर का ठीक होना जरूरी है क्योंकि बैंकिंग या सिबिल स्कोर में नेगेटिव रिपोर्ट होने पर बैंक लोन अमाउंट के साथ साथ ब्याज दर और डाउन पेमेंट में परिवर्तन कर सकता है।