कथक नृत्यांगना उमा शर्मा ने कथक नृत्य को सीखा ही नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे जीया है।
कथक नृत्यांगना उमा शर्मा ने कथक नृत्य को सीखा ही नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे जीया है।
कथक नृत्यांगना प्रतिभा सिंह ने कथक नृत्य की बारीकियों को कई गुरुओं के सानिध्य में सीखा है।
आंतरिक खुशी का प्राकट्य नृत्य में होता है। नृत्य के नव रस के जरिए कलाकार जीवन के अलग-अलग भावों को…
ओडिशी नृत्यांगना गौरी लिवेदी ने शास्त्रीय नृत्य को अपनी पहचान बनाया है। उन्होंने ओडिशी नृत्यांगना इप्सिता बेहरा और सुजाता महापात्र…
कथक नृत्य को विश्वस्तर पर लोकप्रियता दिलाने में पंडित बिरजू महाराज का अनुपम योगदान है। इतना ही नहीं, उन्होंने देश…
वरिष्ठ नृत्यांगना डॉ सोनल मानसिंह ने सिर्फ नृत्य को सीखा या प्रस्तुत नहीं किया है। बल्कि उन्होंने नृत्य को जिंदगी…
सुमिता शर्मा जयपुर घराने की बेहतरीन कलाकार हैं। इनदिनों वह दिल्ली में रहती हैं। वह संस्कार भारती से वर्षों से…
सत्रीय नृत्य असम का लोकप्रिय शास्त्रीय नृत्य है। वहां हर घर की लड़कियां इसे सीखतीं हैं। असम में कला, साहित्य…
राजधानी दिल्ली में साहित्य कला परिषद की ओर से आयोजित होने वाला प्रतिष्ठित नृत्य समारोह है-पुराना किला नृत्य समारोह।
भारतनाट्यम नृत्यांगना मालविका सरूकई अपनी हर नृत्य प्रस्तुति को एक नया अनुभव मानती हैं। उनके अनुसार नृत्य जीवन के अनुभव…
ओडिशी नृत्य की परंपरा का निर्वाह गुरु-शिष्य परंपरा के जरिए बखूबी हो रहा है। कई गुरुओं ने अपनी प्रतिभा और…
रामायण महोत्सव की शुरुआत इंडोनेशिया के कलाकारों की प्रस्तुति से हुई। इस दल में जकार्ता के विराग संधी समूह के…