कुदरती तौर पर हम अलग-अलग बने हुए हैं, इसलिए हरेक मनुष्य के सोचने-समझने और बोलने का ढंग अलग-अलग है।
कुदरती तौर पर हम अलग-अलग बने हुए हैं, इसलिए हरेक मनुष्य के सोचने-समझने और बोलने का ढंग अलग-अलग है।
अपनों से मतलब साफ है कि या तो रिश्तेदार या जान-पहचान वाले या फिर दोस्त। इसका मतलब यही निकल के…
सबरीमाला में फिर हुए हादसे ने पुन: हमारे प्रशासनिक तंत्र को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
पिछले दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से कर्ज के जाल में फंसकर आत्म हत्या की घटनाओं से जुडे लोग मध्य…
हमारे देश में भी अब गैरपंरपरागत क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए सौर ऊर्जा यानी सोलर प्लांट लगाकर विद्युत उत्पादन के…
प्राचीन भारतीय पुरामहत्त्व की वस्तुओं को संरक्षित और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 1972 से द एंटीक्यूटीज एंड आर्ट टीजर्स…
स्थिति बिगड़ी है तब वृक्षारोपण की याद आने लगी है। वृक्षारोपण या पौधारोपण के नाम पर करोड़ों रुपए बर्बाद होते…
एक मोटे अनुमान के अनुसार करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी नकली उपभोक्ता वस्तुओं की बाजार में देखने को मिल रही है।
हालांकि, देश में ग्रामीण विकास की अनेक योजनाएं संचालित हो रही हंै, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं है। अनुमान है…
वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना या गाने सुनना या वीडियो देखना या वाट्सएप संदेश को देखना फैशन बनने…