मोबाइल के जमाने में इंसान को नहीं रही इंसान की जरूरत, लेकिन मुसीबत के वक्त हो रहे डिप्रेशन के शिकार लॉकडाउन के बाद बच्चों ने कहा कि उनका समय अच्छा गुजरा, क्योंकि उनके सारे ‘गैजेट’ उनक पास थे। दोस्तों की… By अनीता मिश्राMay 6, 2023 06:30 IST
चौथेपन की जिजीविषा जिस दौर में हर तरफ जिंदगी की भूख में लोग उम्मीद के सहारे सुबह-शाम गुजार रहे हैं, उसमें पिछले दिनों… By अनीता मिश्राJuly 23, 2021 04:00 IST
जीवट और जिजीविषा के बूते इक्कीसवीं सदी के दो दशक गुजर जाने के बाद भी अपने आसपास की स्त्रियों को जिस सामाजिक हैसियत में देखती… By अनीता मिश्राUpdated: March 10, 2021 06:16 IST
भय का कारोबार मेरे पड़ोस में रहने वाली एक महिला बैंक में काम करती हैं। कुछ दिनों पहले उनके पति की मृत्यु हो… By अनीता मिश्राJanuary 8, 2019 04:26 IST
दुनिया मेरे आगे: भरोसे की दुनिया दरअसल, हम जिस समाज में रहते हैं, उसमें अगर अपने भीतर भरोसे के तार को अंतिम तौर पर तोड़ दें,… By अनीता मिश्राUpdated: October 20, 2018 02:05 IST
दुनिया मेरे आगे- अधिकार का भ्रम परंपरा और समाज की न जाने कितनी जंजीरों को तोड़ने और कितनी बाधाओं को पार करने के बाद दमित या… By अनीता मिश्राJune 21, 2017 04:52 IST
दुनिया मेरे आगेः सभ्य होने की चेतना मैं उस विवाह समारोह में लोगों से मिल-जुल रही थी कि इसी बीच बहुत अच्छा कपड़ा पहने एक लड़का आया,… By अनीता मिश्राUpdated: March 10, 2017 02:32 IST
‘दुनिया मेरे आगे’ अनीता मिश्रा : चीखना मना है कुछ दिन पहले मैं अपनी एक दोस्त के यहां गई थी। काफी देर बाद ध्यान आया तो मैंने उसकी छोटी… By अनीता मिश्राAugust 23, 2016 06:05 IST
‘दुनिया मेरे आगे में’ में अनीता मिश्रा का लेख : वर्चस्व की हीनता कुछ समय पहले पेप्सिको की अध्यक्ष इंदिरा नूयी ने कहा था- ‘हमारे साथ भी पुरुषों के समांतर बर्ताव किया जाए…!… By अनीता मिश्राJune 8, 2016 00:05 IST
छवि के पैमाने किसी व्यक्ति को देखने के हमारे पैमाने क्या होते हैं? उसके बारे में हमारी धारणा कैसे तय होती है और… By अनीता मिश्राJanuary 6, 2016 01:32 IST
IND vs SA: अर्शदीप-बुमराह की कुटाई, गिल-सूर्या का फ्लाप शो, गंभीर की रणनीति, ये हैं भारत की हार के 5 प्रमुख कारण