समाज को समझना टेढ़ी खीर है। इसे जीने और पीने वाले कबीर या बुद्ध जैसे महान लोग अपने आप को…
गांव से शहर आ चुके लोगों के लिए पारंपरिक लोकगीतों की चर्चा उनके लिए स्मृतियों की एक लंबी यात्रा भी…
आचार्य रामानुज आज के साधु-संतों के लिए दर्पण हैं।
अबीर-गुलाल, संगीत और नृत्य से भरपूर पारम्परिक लोकोत्सव होली का असली आनंद तो ब्रज में ही मिलता है।
दुनिया में तेजी से बढ़ते ‘एनीमेशन, वीडियो, गेमिंग और कामिक्स’ यानी ‘एवीजीसी’ क्षेत्र का लाभ भारतीय युवाओं तक पहुंचे, इसके…
समाज में प्रचलित परंपराओं और रीतियों में अगर कभी कोई खास पहलू किसी पक्ष के लिए अन्याय का वाहक होता…
इस दुनिया में इंसान के अलावा दूसरे किसी प्राणी को इतना सामाजिक होने की अमानत कुदरत की तरफ से नहीं…
भारतीय संस्कृति के कई पहलू हैं, जिनके कारण आम व्यक्ति श्रद्धा, विश्वास और व्यावहारिकता के बीच उलझा रहता है।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडल की रहने वाली सांसी समाज से ताल्लुक रखने वाली कमला (बदला हुआ नाम) का…
कुछ लोग भले ही कौवे को ‘अपशकुनी’ मानें, पर सच यह है कि यह हमारा ऐसा सफाईकर्मी है, जिसकी आज…
रंगों की सांझी तैयार करने के दौरान सूखे रंगों को, छोटे सूती कपड़े की पोटलियों द्वारा उंगलियों के संचालन से…
श्राद्ध प्रथा का संस्थापन विष्णु के वराह अवतार के समय हुआ और विष्णु को पिता, पितामह एवं प्रपितामह को दिए…