Jansatta Dunia Mere Aage, jansatta Epaper
दुनिया मेरे आगे: जीवन को दें नई दिशा, नवीनता के साथ जीवन को बनाएं एक निरंतर उत्सव, नई सोच, नई आशा के साथ बढ़ें आगे

हमारी जीवनचर्या एक तरह की होती है, मगर उसमें हर रोज कुछ नया घटित होता रहता है। यह नवीनता ही…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: कर्ज लेकर मजे करने का भारत में आ गया चलन, अपनी संस्कृति भूलते जा रहे लोग

शहर और कस्बाई लोगों का रुझान बहुप्रचारित ब्रांडेड उत्पादों की ओर ज्यादा नजर आता है। बस इसी तरह हम फिजूलखर्ची…

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दुनिया मेरे आगे: टेंशन फ्री लाइफ के लिए क्यों जरूरी है गति और ठहराव का संतुलन, जीवन में बनाए रखें उत्साह

भूतकाल के कष्ट और भविष्य के सपने और सवाल मन को बेचैन बनाए रहते हैं। जबकि वर्तमान, जो हमारा वास्तविक…

Dunia mere aage, Human Nature, Thinking
दुनिया मेरे आगे: आदतों के दायरे, सुखद जीवन के लिए खुद में बदलाव की गुंजाइश और लचीलापन आवश्यक

जब हम अपने ही बनाए ढांचे से समय-समय पर अपने को मुक्त करते हैं, खुद को सुरक्षा घेरे से थोड़ा…

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