मिखाइल गोर्बाचेव ने 1985 से 1991 तक सोवियत संघ को दुनिया के लिए खोलने तक सत्ता संभाली।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में आप जनसेवक है, तो पद भले ऊपर हो, लेकिन आत्मीयता धरातल पर ही हो, यह आज विश्व…
सत्य है कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी राजस्व उत्पन्न करने में बिहार आत्मनिर्भर नहीं हो…
भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है, जहां बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली फल-फूल रही है।
New Ensign of Indian Navy, Chhatrapati Shivaji Maharaj: विक्रांत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे पूरी तरह स्वदेशी…
1917 में जार शासन को खत्म कर एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था की नींव पड़ी थी, जिसे दुनिया साम्यवाद के नाम…
हमारे देश को लंबे समय से व्यापार घाटे या विपरीत व्यापार संतुलन का सामना करना पड़ रहा है।
केवल सरकारी नौकरियों के माध्यम से बेरोजगारी के चक्रव्यूह से निजात पाना नामुमकिन है।
मनुष्य को अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर जितना हो मशीन के प्रयोग से बचना चाहिए।
आवश्यकता है कि महत्त्वपूर्ण मामले ही न्यायालय तक आने चाहिए तथा प्रक्रिया में सुधार हो और जजों के रिक्त पदों…
कांग्रेस आज जो भी जमीनी संघर्ष कर रही है, उसके केंद्र में सिर्फ राहुल और प्रियंका हैं।