
मध्यप्रदेश में मालवांचल के सुपरिचित अंग्रेजी प्राध्यापक तथा हिंदी लेखक प्रो सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी के साहित्यिक विचारों पर मुझे कुछ नहीं…
हमने अक्सर लोगों को स्त्री स्वतंत्रता के विषय में बातें करते सुना है और समाज की नजर में महिलाएं काफी…
हमारे देश में सांप्रदायिक दंगों के मामलों में न्याय मिलने का रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है। अगर आरोपियों में रसूख…
हर साल आठ मार्च को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाता है। सर्वविदित है कि महिलाओं के…
‘नृशंसता का मानस’ (संपादकीय, 1 मार्च) पढ़ा। वह खबर ही रूह को कंपा देने वाली थी। बार-बार यही सोचना पड़ता…
हिंदी को अन्य भाषाओं की अपेक्षा अधिक रूढ़िवादी माना जाता रहा है, खासकर जब तुलना अंग्रेजी से की जाए। कुछ…
‘बाबा की बलैयां’ (संपादकीय, 27 फरवरी) में ‘संजू बाबा’ (फिल्मी कलाकार) की जेल से रिहाई पर इलेक्ट्रानिक मीडिया की भूमिका…
वैश्वीकरण के दौर में देश के आर्थिक विकास की रफ्तार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इससे देश का…
आजकल देश के भीतर एक नई रिवायत चल पड़ी है कि कुछ तथाकथित और कृत्रिम स्वयंभू लोग किसी को भी…
तकरीबन ढाई दशक से पूंजी के प्रति उदारता बरतने वाली जिन नीतियों पर मौजूदा और पूर्ववर्ती सरकारें चल रही हैं,…
जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पटियाला हाउस अदालत में पेशी के दौरान वकीलों के एक गुट द्वारा उनके,…
सियाचिन ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन में सैनिकों की मृत्यु सचमुच एक दर्दनाक त्रासदी है। उसके बाद छह दिन तक बर्फ…