
जीवन के हर रंग में ईमानदारी की दरकार होती है। इसके बिना जीवन बनावटी और काले लोहे पर दिखावे के…
अकेलापन किसी की सामाजिक स्थिति या उपलब्धियों से परे है। यह अनुभव हर किसी को छू रहा है। दरअसल, अकेला…
यह चिंताजनक है कि धीरे-धीरे हम संवेदनाओं को खोते जा रहे हैं। अगर कोई पास बैठा हो और उदास हो,…
जब जिंदगी की गाड़ी ठीक-ठाक चल रही होती है, उस समय कोई बड़ा अप्रत्याशित संकट उठ खड़ा होता है, तब…
गणमान्य सज्जन ही नहीं, हर छोटी-बड़ी वस्तु जो हमें मुफ्त या बिना भुगतान मिलती है, जब तक हमारे पास होती…
किसी दिन हम यह पता लगा लेंगे कि अपनी समस्याओं को कैसे हल करना है और आखिरकार उस स्थान पर…
कई लोग सामने बैठ तो जाते हैं, मगर पल में ही कहीं खो जाते हैं। वे न तो बोलने वाले…
युवा वर्ग के बढ़ते अवसाद का मुख्य कारण व्यापक रूप से विभिन्न प्रकार के प्रतिस्पर्धात्मक दबाव हैं। इसमें पाठ्यक्रम का…
लोग किसी भी तरह ज्यादा पैसा कमाते हैं, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, नैतिक और सार्वजनिक गुस्ताखियां करते हैं, वे सफल…
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी मानव विकास रपट, 2023-24 के मुताबिक 2022 में भारत के स्थान में एक अंक…
दुनिया में जितने शब्द हैं, उन सभी का उद्देश्य यही है कि हम स्वयं को बेहतर ढंग से समझ सकें।…
आज जब विश्व पंथिक कट्टरवाद की जंजीरों में और अधिक जकड़ता जा रहा है, भारत के गांवों का किसान ‘एकम्…