
मुकेश भारद्वाज की नई किताब ‘सत्ता का मोक्षद्वार : महाभारत’ (वाणी प्रकाशन) की समीक्षा पढ़िए।
यह कहानी शुरू होती है कश्मीर से जहां एक हिन्दू नौजवान विजय की प्रेम गाथा से जो एक मुस्लिम लड़की…
Book Review: अपने रचना क्रम में रिश्तों के मुखौटे उतरने के बाद कवयित्री एक ऐसे काल्पनिक पुरुष का भी सृजन…
हिंदी साहित्य में कहानियां हमेशा से ही पाठक वर्ग पर एक अलग छाप छोड़ती आई हैं। पाठकों का कहानियों की…
‘क्या जरूरत है बीएड की’ लेख में थानवीजी पूरी तरह मौजूदा बीएड जैसे पाठ्यक्रमों की उपयोगिता को खारिज करते हैं।
यह कथा एक डायस्पोरा लेखिका की भी है, जो एक साथ भारतीय और पाश्चात्य मूल्यों में तालमेल बिठाती हुई अपनी…
आलोचना में संस्मरण और संस्मरण में आलोचना पढ़ने में ललित गद्य-सा सुख देती है। वैसे इसमें यह खतरा भी बना…
उपन्यास समाज, राजनीति और संस्कृति तीनों को एक साथ संबोधित करता है, पर सब कुछ साहित्य के स्वधर्म की रक्षा…
कृष्णदत्त पालीवाल इस पुस्तक में भारतीय राष्ट्रवाद और देशभक्ति को हिंदू, जैन, बौद्ध, सूफी, मुसलिम, सिख, ईसाई सबकी साझी सांस्कृतिक…
आत्मकथा जिंदगी का आलोचनात्मक दस्तावेज होती है। यह कहा जाता है कि आत्मकथा लेखन को शीशे की तरह पारदर्शी व…
मृणाल पांडे की नई किताब है- ध्वनियों के आलोक में स्त्री। इस किताब के साथ हमारे अनुभव और सुने हुए…
‘सीढ़ियां चढ़के सोना’ लेख में भवानीप्रसाद मिश्र के कविता पाठ के अनूठे अंदाज को वे स्मरण करते और नई कविता…