उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके के बिसाहड़ा गांव में तनाव बरकरार है। इसबीच, ग्रामीणों ने रवि सिसोदिया का अंतिम संस्कार आज (गुरुवार को) भी नहीं होने दिया। ग्रामीणों ने रवि को शहीद करार देते हुए उसके शव पर तिरंगा रख दिया और सरकार से एक करोड़ रुपये के मुआवजा देने की मांग की है। इसके साथ ही गांव के हजारों लोग अखलाक हत्याकांड में नामजद सभी 17 लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग पर गुरुवार को धरने पर बैठ गए। इसी कांड में नामजद 22 वर्षीय रविन सिसोदिया की मौत मंगलवार को किडनी और श्वसन तंत्र फेल हो जाने से हो गई थी। बीमारी के बाद पहले उसे नोएडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जे सी पांडेय ने कल कहा था, “मरीज को किडनी फेल्यूर और हाई ब्लड शुगर जैसी बुरी दशा में दोपहर करीब 12 बजे लाया गया था लेकिन शाम 7 बजे तक किडनी फेल होने और सांस लेने में दिक्कत होने पर उसकी मौत हो गई।” गांववालों का आरोप है कि रविन और उसके साथ तीन और आरोपियों की जेल की पिटाई की गई है, जिसके बाद रविन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। इसपर जेल प्रशासन का कहना है कि रविन फेफड़े के इन्फेंक्शन से पीड़ित था लेकिन पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ बताया जा सकेगा।

वीडियो देखिए: दाह संस्कार से इनकार

रवि के परिजनों का कहना है कि उसे किडनी की कोई परेशानी नहीं थी। 30 सितंबर को उनलोगों ने कोर्ट में आवेदन दिया था कि चिकेनगुनिया का इलाज कराने के लिए उसे गौतम बुद्ध नगर के अस्पताल में भर्ती कराया जाय। इसबीच, बिसाहड़ा में वीएचपी की नेता साध्वी प्राची समेत दर्जनों गौरक्षक मौजूद हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में दादरी में मोहम्मद अखलाक की बीफ खाने के संदेह के आधार पर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी।

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